हैदराबाद/मुंबई : मंगलवार को निर्देशक श्याम बेनेगल का अंतिम संस्कार किया जाएगा। भारतीय सिनेमा के दिग्गज फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल (80) का सोमवार को निधन हो गया था। किडनी से जुंड़ी बीमारियों की वजह से मुंबई में आखिरी सांस ली। श्याम बेनेगल के निधन से पूरा सिनेमा जगत शोक में डूबा है।
दिग्गज फिल्म मेकर श्याम बेनेगल आज पंच तत्व में विलीन होंगे। फिल्मकार का पार्थिव शरीर उनके अंतिम दर्शन के लिए पेडर रोड स्थित उनके घर पर रखा जाएगा. उनकी अंतिम यात्रा आज दोपहर 12 बजे के बाद निकाली जाएगी। इसके बाद दोपहर 2 बजे दादर के शिवाजी पार्क स्थित श्मशान में उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। शिवाजी पार्क विद्युत शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बॉलीवुड हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
बॉलीवुड की दिग्गज हस्तियों ने श्याम बेनेगल के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। मनोज बाजपेयी, राज बब्बर, काजोल, अनुपम खेर और हेमा मालिनी समेत कई हस्तियों ने फिल्म मेकर के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
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पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी तक ने उनके निधन पर शोक जाहिर किया है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि श्री श्याम बेनेगल जी के निधन पर गहरा दुख हुआ, जिनकी कहानी कहने का भारतीय सिनेमा पर गहरा प्रभाव पड़ा। उनके काम की विभिन्न क्षेत्रों के लोग हमेशा तारीफ करते रहेंगे। उनके परिवार और फैंस के लिए संवेदनाएं। ओम शांति।
कुछ दिन पहले ही मनाया जन्मदिन
श्याम बेनेगल ने 14 दिसंबर को अपना 90वां बर्थडे सेलिब्रेट किया था, जिसकी एक तस्वीर भी सामने आई थी। उनके बर्थडे सेलिब्रेशन में नसीरुद्दीन शाह, शबाना आजमी, रजित कपूर, अतुल तिवारी और दिव्या दत्ता जैसी हस्तियां शामिल हुई थीं।
श्याम सुंदर बेनेगल का जन्म
श्याम सुंदर बेनेगल का जन्म 14 दिसंबर 1934 में हैदराबाद में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने अर्थशास्त्र में पढ़ाई की। बाद में फोटोग्राफी शुरू कर दी। बॉलीवुड में उन्हें आर्ट सिनेमा का जनक भी माना जाता है। जब वे बारह साल के थे, तब उन्होंने अपने फोटोग्राफर पिता श्रीधर बी. बेनेगल के दिए गए कैमरे पर अपनी पहली फिल्म बनाई थी। उनके परिवार में पत्नी नीरा बेनेगल और बेटी पिया बेनेगल हैं।
पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित
श्याम ने 24 फिल्में, 45 डॉक्यूमेंट्री और 15 एड फिल्म्स बनाई हैं। जुबैदा, द मेकिंग ऑफ द महात्मा, नेताजी सुभाष चंद्र बोसः द फॉरगॉटेन हीरो, मंडी, आरोहन, वेलकम टु सज्जनपुर जैसी दर्जनों बेहतरीन फिल्मों को उन्होंने डायरेक्ट किया। फिल्म जगत को दिए योगदान के लिए उन्हें 1976 में पद्मश्री और 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा इनके खाते में 8 नेशनल अवॉर्ड हैं। सबसे ज्यादा नेशनल अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड इन्हीं के नाम है। बेनेगल को 2005 में भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड भी दिया गया।
पहली फिल्म ‘अंकुर’ 1974 और आखिरी फिल्म ‘मुजीब’ 2023 में बनाई
श्याम बेनेगल ने 1974 में पहली फिल्म अंकुर बनाई थी। इस फिल्म में उन्होंने आंध्र प्रदेश के किसानों के मुद्दों को उठाया था। वहीं, ‘मुजीब – द मेकिंग ऑफ अ नेशन’ उनकी आखिरी फिल्म थी। मुजीब की शूटिंग दो साल तक हुई थी। यह फिल्म मुजीबुर रहमान की जिंदगी पर आधारित थी।
तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन
विश्व विख्यात तबला वादक और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन का 15 दिसंबर को निधन हो गया था। हुसैन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित थे। परिवार ने बताया कि वे पिछले दो हफ्ते से सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में भर्ती थे। हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में एडमिट किया गया था। वहीं उन्होंने आखिरी सांस ली।