हैदराबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नई संसद भवन का उद्घाटन किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा कक्ष में ‘सेंगोल’ (राजदंड) स्थापित किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी पहली बार नई संसद इमारत के लोकसभा सदन में पहुंचे। प्रधानमंत्री के प्रवेश करते ही सांसदों ने मोदी-मोदी के नारे लगाये। नारों से पूरा हाल गूंज उठा। राज्सभा के उपसभापति हरिवंश ने उपराष्ट्रपति ओम प्रकाश धनखड़ का संदेश पढ़ा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए रास्तों पर चल कर ही नए प्रतिमान गढ़े जाते हैं। आज नया भारत नया लक्ष्य तय कर रहा है। नए रास्ते गढ़ रहा है। नया जोश है। नई उमंग है। नई सोच है। दिशा नई है। विश्वास नया है। पीएम मोदी ने कहा कि आज फिर एक बार पूरा विश्व भारत को भारत के संकल्प के दृढ़ता को भारतवासियों की प्रखरता, भारतीय जनशक्ति की जीजिविषा को आदर और उम्मीद के भाव से देख रहा है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जब भारत आगे बढ़ता है तो विश्व आगे बढ़ता है। संसद का यह नया भवन भारत के विकास से विश्व के विकास का भी आह्वान करेगा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज इस ऐतिहासिक अवसर पर कुछ देर पहले संसद की नई इमारत में पवित्र सेंगोल की भी स्थापना हुई है। नए संसद भवन के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रतिष्ठित इमारत सशक्तीकरण, सपनों को हकीकत में बदलने का उद्गम स्थल बने।
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आज नये संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है। इस भवन में विरासत भी है। वास्तु भी है। इसमें संस्कृति भी है और संविधान के स्वर भी हैं। ये संसद भवन हर भारतीय के कर्तव्य भाव को जागृत करेगा।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज इस ऐतिहासिक अवसर पर कुछ देर पहले संसद की इस नई ईमारत में पवित्र सेंगोल की भी स्थापना हई है। मोदी ने कहा कि जब भी इस संसद भवन में कार्यवाही शुरू होगी। सेंगोल हम सभी को प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने कहा कि महान चोल साम्राज्य में सेंगोल को, कर्तव्यपथ का सेवापथ का, राष्ट्रपथ का प्रतीक माना जाता था। उन्होंने कहा कि राजादी और आदीनम के संतो के मार्गदर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक था।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले एक दो दशक से नई संसद की जरूरत महसूस की जा रही थी। उन्होंने कहा कि नई संसद समय की मांग थी। आने वाले समय में सांसदों की संख्या बढ़ेगी। मुझे खुशी है कि भव्य ईमारत आधुनिक सुविधाओं से पूरी तरह से लैस है। इस संसद में विरासत भी है, वास्तु भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पंचायत भवन से लेकर संसद भवन तक हमारी निष्ठा एक ही है।
मोदी ने बताया कि देश में 30 हजार से ज्यादा पंचायत भवन बनाए गए हैं। 9 साल में 50 हजार से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि इस संसद भवन ने करीब 60 हजार श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया है। उन्होंने इस ईमारत के लिए अपना पसीना बहाया है। इनके श्रम को समर्पित डिजिटल गैलरी बनाई गई है। संसद के निर्माण में उनका योगदान भी अमर हो गया है।
मुझे विश्वास है कि इस संसद में जो जनप्रतिनिधि बैठेंगे, वे नई प्रेरणा के साथ, लोकतंत्र को नई दिशा देने का प्रयास करेंगे। मुझे गरीबों के चार करोड़ घर बनने का संतोष है। जब हम इस इमारत को देखकर अपना सिर ऊंचा कर रहे हैं तो मुझे 11 करोड़ शौचालयों के निर्माण को देखकर भी संतोष है। हमारी प्रेरणा एक ही है, देश का विकास, देश के लोगों का विकास।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने का माध्यम बनेगा। ये नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। यह नया भवन विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धि होते हुए देखेगा। यह नया भवन नूतन और पुरातन के सह-अस्तित्व का भी आदर्श उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हमारा लोकतंत्र ही हमारी प्रेरणा है। हमारा संविधान ही हमारा संकल्प है। इस प्रेरणा, इस संकल्प की सबसे श्रेष्ठ प्रतिनिधि हमारी ये संसद ही है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने 75 रुपये का नया सिक्का जारी किया। 75 रुपये के इस नए सिक्के का आकार 44 मिलीमीटर गोलाकार है। इसका वजन 35 ग्राम है। सिक्के के आगे के भाग पर मध्य में अशोक स्तम्भ का सिंह शीर्ष है। इसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा है। उसकी बाईं परिधि पर देवनागरी लिपि में भारत शब्द और दाईं परिधि पर अंग्रेजी में इंडिया शब्द लिखा है। सिंह स्तंभ शीर्ष के नीचे रुपये का प्रतीक चिन्ह और अंतर्राष्ट्रीय अंकों में अंकित मूल्य 75 भी लिखा है। सिक्के के पिछले भाग में संसद भवन का चित्र होगा। सिक्के के ऊपरी परिधि पर देवनागरी लिपि में संसद संकुल लिखा है। निचली परिधि पर अंग्रेजी में पार्लियामेंट काम्प्लेक्स लिखा है। संसद संकुल के चित्र के नीचे वर्ष 2023 लिखा है। साथ ही एक डाक टिकट भी जारी किया। (एजेंसियां)