माओवादी की हिटलिस्ट में कई विधायक और नेता, हिंसा के जरिए पकड़ मजबूत करने की ताक में नक्सल! पुलिस अलर्ट

हैदराबाद: कभी माओवादियों का गढ़ रहे संयुक्त करीमनगर में पिछले दो सप्ताह से हंगामा/कोहरम मचा हुआ है। माओवादी के तेलंगाना सचिव मैलारपु अडेलु उर्फ ​​भास्कर और एक्शन कमेटी के सदस्य पांडु उर्फ ​​मंगुलु के दल के जिले में प्रवेश किये जाने की खबर से पुलिस सतर्क हो गई है। खुफिया विभाग ने चेतावनी दी है कि माओवादी दल गोदावरी नदी को पार कर अब पेद्दापल्ली जिले में प्रवेश करने का खतरा है।

लॉकडाउन के दौरान माओवादी गतिविधियां शुरू

इसी के चलते सोमवार को सीएम केसीआर के पेद्दापल्ली दौरे के दौरान आखिरी वक्त बदल दिया गया। पुलिस के सुझाव पर केसीआर को सड़क मार्ग से नहीं है, बल्कि हवाई (हेलीकॉप्टर) मार्ग से लाया गया। 2005 के बाद पुराने करीमनगर जिले में माओवादी पार्टी का लगभग सफाया हो गया था। 2020 के लॉकडाउन के दौरान जिले में माओवादी अपनी गतिविधियां फिर से शुरू करने के प्रयास किये गये। सिरिसिल्ला में एक ठेकेदार से पैसे वसूलने और जगित्याल में भर्ती किये जाने की घटनाएं भी सामने आईं है।

माओवादी नेटवर्क खत्म

संयुक्त जिला पुलिस ने जगह-जगह पर माओवादियों से संबंधित/जुड़े नेटवर्क को खत्म कर दिया। कुछ समय तक माओवादियों के करीमनगर और पेद्दापल्ली जिलों में ग्रेनाइट उद्योगों में काम करने वाले कुछ लोगों के साथ गुप्त संबंध थे। इस मामले पर कड़ी नजर रखने वाले करीमनगर के पुलिस अधीक्षक सत्यनारायण ने गंगाधर, चोप्पदंडी, बावुपेटा और हुस्नाबाद निवासी कई लोगों को गिरफ्तार कर माओवादी नेटवर्क को खत्म कर दिया।

हथियारों के साथ गिरफ्तार

साथ ही ‘जनशक्ति’ (कूरा राजन्ना दल) के कुछ पूर्व कार्यकर्ता हथियारों के साथ सिरिसिल्ला में दिखाई देने की खबर के चलते एसपी राहुल हेगड़े ने शुरुआत में ही उन्हें धर धबोचा। इसके अलावा एसपी सिंधु शर्मा की टीम ने जनशक्ति के कई नेताओं को हथियारों के साथ जगित्याल में घूमते हुए गिरफ्तार किया। इसी के चलते रामागुंडम कमिश्नरेट क्षेत्र के गोदावरी जलग्रहण क्षेत्र में माओवादियों की गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाये गये है।

संवेदनशील पेद्दापल्ली जिला

हाल ही में पेद्दापल्ली जिले के आरएफसीएल में सामने आये घोटाले में पुलिस ने माओवादी सचिव वेंकटेश के नाम से जारी किये गये कर-पत्रों पर गंभीरता से ध्यान दिया है। उन कर-पत्रों में कई नेताओं के नाम हैं। इसलिए पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह कर-पत्र कहां से आये हैं। इसी तरह पूर्व माओवादियों पर गुपचुप तरीके से नजर रखी जा रही है। ये कर-पत्र पहले 25 अगस्त को और फिर 31 अगस्त को माओवादी पार्टी के जयशंकर-महबूबाबाद-वरंगल 2 – पेद्दापल्ली जिला संभाग समिति के नाम से जारी किये गये।

कर-पत्र माओवादियों ने जारी किये

शुरुआत में पुलिस को लगा कि ये कर-पत्र कुछ शरारती तत्वों ने जारी किये होंगे। लेकिन खबर है कि पुलिस ने हाल ही में इस बात की पुष्टि की है कि इन कर-पत्रों को माओवादियों ने ही जारी किया है। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा इस जिले के निकट होने के कारण इस क्षेत्र के कुछ नेता माओवादियों के निशाने पर है। इस खतरे को देखते हुए इस क्षेत्र को संवेदनशील रूप में पहचाना गया गया और नेताओं के लिए विशेष सुरक्षा के उपाय किये जा रहे हैं। संदिग्ध और नये लोगों की लगातार जानकारी एकत्रित की जा रही हैं। जिले की सीमा पर लगे सीसीटीवी कैमरों व मुखबिरों के माध्यम से समय-समय पर जानकारी जुटाई जा रही है।

माओवादियों के निशाने पर हैं टीआरएस और बीजेपी नेता

विश्वसनीय जानकारी के अनुसार पुलिस को सूचना है कि संयुक्त करीमनगर जिले में टीआरएस विधायकों और भाजपा नेताओं पर माओवादी हमला कर सकते है। पुलिस का कहना है कि माओवादी की रणनीति पुराने जिले में अपनी स्थिति फिर से मजबूत करने की है। माओवादियों की सूची में शामिल नेताओं को पुलिस ने पहले ही अलर्ट कर दिया है। साफ किया कि पुलिस को बिना बताये कहीं पर भी नहीं जा सकते। खुफिया विभाग ने चेतावनी दी है कि पेद्दपल्ली जिले के नेताओं को माओवादियों से बड़ा खतरा है।

माओवादी चिंतित

पहले से ही संयुक्त करीमनगर जिले में अपने नेटवर्क ध्वस्त से माओवादी चिंतित हैं। अब नेटवर्क को पुनर्जीवित करने या पार्टी को वित्त पोषित करने का एकमात्र विकल्प है हिंसक घटनाओं को अंजाम देना। इसलिए पुलिस वीआईपी नेताओं की सुरक्षा से जुड़े हर पहलू पर पैनी नजर रखे हुए है। साथ ही सुरक्षा में छोटी सी चूक बड़ी हिंसक घटना हो सकती है। इस जानकारी के चलते पुलिस कदम-कदम पर सावधानी बरत रही है।

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