उत्तर प्रदेश का फॉर्मूला तेलंगाना में काम नहीं करेगा, क्योंकि CM KCR यहां काफी मजबूत हैं: असदुद्दीन ओवैसी

हैदराबाद : ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि चुनाव जीतना और हारना स्वाभाविक है। यदि तेलंगाना पर बीजेपी फोकस करती है तो भी यहां पर सीएम केसीआर पूरे जोश में हैं। यहां यूपी का फॉर्मूला काम नहीं कर सकता है।

मीडिया से बातचीत करते हुए ओवैसी ने कहा कि कांशीराम की स्फूर्ति के साथ काम करेंगे। औवैसी ने बताया कि गुजरात और राजस्थान में होने वाले चुनावों में एआईएमआईएम अपने उम्मीदवारों को खड़ा करेगी। चुना लड़ना और हराना और जीतना ही हमारा लक्ष्य है। ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस कमजोर होती जा रही है। जब भी चुनाव आएंगे हम तैयार रहेंगे।

ओवैसी ने सवाल किया कि गुलाम नबी आजाद को क्वार्टर समयसीमा बढ़ाने के लिए मोदी कार्यालय से आदेश के पीछे क्या मकसद है? आजाद को भले ही राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करें, लेकिन भाजपा ही एमआईएम की दुश्मन है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उड़ीसा का समर्थन जरूरी है। निर्वाचन क्षेत्रों के विभाजन एक और आंदोलन को जन्म देगी। सांसद ने कहा कि यदि जनसंख्या के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का विभाजन किया जाता है तो दक्षिण भारत को नुकसान होगा। दक्षिण में जनसंख्या नियंत्रण अधिक है। उत्तर भारत में कोई नियंत्रण नहीं है।

गौरतलब है कि ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव बड़ी जोर-शोर से लड़ा था। लेकिन उसे किसी सीट पर सफलता नहीं मिली है।असदुद्दीन ओवैसी ने 80-20 सीटों पर जीत का दावा किया था। लोकतंत्र में इस तरह की परिस्थिति अगले कई सालों तक बनी रहेगी। उन्होंने गुजरात और राजस्थान के साथ-साथ अन्य राज्यों के चुनाव लड़ने की भी घोषणा की है।

सांसद ओवैसी ने कहा कि राजनीतिक दल अपनी हार छिपाने को वोटिंग मशीनों को दोष देते हैं। खराबी मशीनों में नहीं, लोगों के दिमाग में लगाई गई चिप में है। वहीं चिप बड़ी भूमिका निभा रही है।

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