हैदराबाद: मोइनाबाद फार्महाउस में टीआरएस विधायकों की खरीद से संबंधित मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग करते हुए मामले के दूसरे आरोपी कोरे नंदकुमार की पत्नी कोरे चित्रलेखा ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। चित्रलेखा ने तेलंगाना सरकार और पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करने और अपने पति को मामले की जांच में फंसाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनके पति का फोन अवैध रूप से टैप किया गया और ऑडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गये, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गोपनीयता का उल्लंघन करते हैं।
चित्रलेखा ने याद दिलाया कि एसीबी अदालत ने शुरू में उसके पति और अन्य आरोपियों को रिमांड पर लेने से इनकार कर दिया था क्योंकि उन्होंने सीआरपीसी के प्रावधानों का पालन नहीं किया था। मामले में जांच पारदर्शी तरीके से नहीं हो रही है और सत्ता पक्ष और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोग पुलिस को प्रभावित कर रहे हैं। आरोप लगाया कि जांच अधिकारी के बिना साइबराबाद कमिश्नर इस मामले में दखल दे रहे हैं और अनाधिकारिक तौर पर जांच कर रहे हैं।
उन्होंने उच्च न्यायालय से आग्रह किया कि अनुच्छेद 226 के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए मामले की जांच सीबीआई, सीआईटी या एक मौजूदा न्यायाधीश जैसी स्वतंत्र एजेंसियों को सौंपा जाये। उन्होंने इस याचिका पर जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक वह आरोपी से संबंधित कोई भी ऑडियो या वीडियो मीडिया, सोशल मीडिया या अन्य को जारी न करने का निर्देश देने का आग्रह किया।
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इसके अलावा मोइनाबाद पीएस में दर्ज मामले में बिना किसी जांच के रोक लगाने की अपील की। इसी बीच, इस मामले को सीबीआई, सीआईटी या एक मौजूदा न्यायाधीश द्वारा जांच करने की मांग करते हुए दायर याचिका पहले से ही हाईकोर्ट में लंबित है। इस पर शुक्रवार को एक बार फिर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। भाजपा की याचिका के साथ नंदकुमार की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर भी सुनवाई होने की संभावना है