हैदराबाद : माओवादी पार्टी के प्रदेश कमेटी के सचिव यापा नारायण उर्फ हरिभूषण के घर में एक बार फिर मातम छा गया है। उनकी पत्नी जज्जर्ला सम्मक्का उर्फ शारदा का 24 जून को अस्वस्थता के कारण मौत हो गई। हरिभूषण की मौत के चार दिन बाद उनकी पत्नी की मृत्यु हो जाने से उनके गंगाराम गांव में मातम छा गया है।
पता चला है कि हरिभूषण की पत्नी शारदा कुछ दिन पहले गंभीर रूप से बीमार हो गई थीं। शारदा चर्ला-शबरी एरिया समिति की सचिव रह चुकी है। वर्तमान में वह डीसीएम के रूप में पार्टी में काम कर रही थी। खबर है कि कई माओवादी नेता पहले ही कोरोना की चपेट में आ चुके और मौत हो चुकी हैं।
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हाल ही में हरिभूषण की पत्नी शारदा भी कोरोना संक्रमित हो जाने की खबर है। दूसरी ओर छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की पुलिस ने कोरोना से प्रभावित माओवादियों की सूची की जारी की है और आह्वान किया कि यदि स्वेच्छा से माओवादी आगे आते है तो चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाएगी।
क्या यही माओवादियों की ओर से दिया गया सम्मान है?
कोत्तागुडेम : दूसरी ओर यापा नारायण उर्फ हरिभूषण के परिजनों ने आरोप लगाया कि इतन सालों तक पार्टी के लिए काम करने वाले व्यक्ति का शव न सौंपकर माओवादियों ने उनके साथ धोखा किया है। कम से कम हरिभूषण के अंतिम दर्शन भी करने नहीं दिये। हरिभूषण के परिजनों ने शुक्रवार को मीडिया से बात की।
बिना चिता भस्म के हरिभूषण का कर्मकांड कैसे करे
उन्होंने आगे कहा कि जब उनका बेटा जीवित थे तब पुलिस ने हमें माओवादियों से संबंध होने का आरोप लगाते हुए अनेक प्रकार की यातनाएं दी और जेल भेजा। उसके बदले में माओवादियों ने आज हमें यह सम्मान दिया है। साथ ही सवाल किया कि बिना चिता भस्म के हरिभूषण का कर्मकांड कैसे किया जाये? यदि छत्तीसगढ़ में किसी भी गांव में रखते तो हम जाकर हरिभूषण के शव ले आते और अंतिम संस्कार करते। माओवादी प्रवक्ता जगन ने गुरुवार को घोषणा की कि हरिभूषण की अस्वस्थता के कारण मौत हो चुकी है।