केंद्रीय हिंदी संस्थान: इन हिंदी अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए आयोजित 474वें नवीकरण पाठ्यक्रम का उद्घाटन समारोह

हैदराबाद : केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के हैदराबाद केंद्र द्वारा आंध्रप्रदेश राज्य के मॉडल स्कूल के माध्यमिक हिंदी अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए 2 से 14 सितंबर तक हैदराबाद केंद्र पर 474वें नवीकरण पाठ्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस पाठ्यक्रम का उद्घाटन समारोह 3 सितंबर को संपन्न हुआ। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के निदेशक प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने आभासी माध्यम से की। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सह-निदेशक, दूरदर्शन, हैदराबाद डॉ. पुट्टपर्ति नाग पद्मिनी उपस्थित थीं।

इस दौरान आभासी पटल से पाठ्यक्रम संयोजक एवं क्षेत्रीय निदेशक प्रो. गंगाधर वानोडे, पाठ्यक्रम प्रभारी डॉ. फत्ताराम नायक, विशिष्ट अतिथि डॉ. योगेंद्रनाथ मिश्र, कार्यालय अधीक्षक डॉ. एस. राधा तथा डॉ. संदीप कुमार मंच पर उपस्थित थे। इस नवीकरण पाठ्यक्रम में कुल 33 (महिला- 14, पुरुष- 19) हिंदी अध्यापक प्रतिभागियों ने पंजीकरण किया। सर्वप्रथम मंचस्थ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष द्वीप प्रज्ज्वलित किया। माँ सरस्वती वंदना, संस्थान गीत व स्वागत गीत सजग तिवारी के सहयोग से प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर आभासी मंच से केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के निदेशक प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हिंदी के प्रति आपकी आस्था और प्रेम के लिए सभी कटिबद्ध हैं। प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से आपके व्यक्तित्व विकास, विभिन्न कौशलों के विकास तथा अध्ययन कार्य को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए हम प्रयासरत् हैं। उन्होंने आगे कहा कि समूह चर्चा और विचार विमर्श को लेकर भी सार्थक प्रयास किया जाए। हिंदीतर प्रांतों के होने के कारण मानक हिंदी बोलते, लिखते समय गलतियाँ होती हैं। भाषा पर अधिकार प्राप्त करने के लिए पहले हमें उस भाषा में सोचना प्रारंभ करना चाहिए।

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मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सह निदेशक, दूरदर्शन, हैदराबाद डॉ. पुट्टपर्ति नाग पद्मिनी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज हिंदी भाषा से आप सभी लोग जुड़े हैं उसकी सेवा कर रहे हैं। केंद्रीय हिंदी संस्थान में प्रशिक्षण हेतु आप लोगों को जो अवसर मिला है। आप लोग बड़े भाग्यशाली हैं। आप शिक्षकों की भूमिका समाज में सर्वोपरि है। शिक्षक ही देश के भावी नागरिकों की आधार शिला रखते हैं। विशिष्ट अतिथि डॉ. योगेंद्रनाथ मिश्र ने कहा कि शिक्षक के जीवन में प्रश्नों का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। आपको अपने छात्रों को प्रश्न करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

आभासी माध्यम से कार्यक्रम संयोजक और क्षेत्रीय निदेशक प्रो. गंगाधर वानोडे ने कहा कि इस पाठ्यक्रम में हम ज्ञान को किस प्रकार आत्मसात कर सकते हैं इस पर हमें विचार करने की आवश्यकता है। इस पाठ्यक्रम के माध्यम से अध्यापक अपने आपको अध्यतन करेंगे। अध्यापक छात्र संवाद किस प्रकार स्थापित हो उनके बारे में भी हम सीखेंगे। हमें अपनी कक्षा में हिंदी का वातावरण किस प्रकार निर्मित किया जाए इस पर भी चर्चा होनी चाहिए। पाठ्यक्रम प्रभारी डॉ. फत्ताराम नायक ने अतिथि का स्वागत एवं परिचय देते हुए इस 13 दिवसीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।

आंध्र प्रदेश मॉडल स्कूल, आंध्र प्रदेश के प्रतिभागी हिंदी अध्यापक श्री शेख अमीन एवं एस. दस्तगिरि वल्लि ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हिंदी का प्रचार-प्रसार कैसे करें, व्याकरण की त्रृटियों को कैसे सुधारे, हिंदी में रोजगार की संभावनाएँ, प्रौद्योगिकी और हिंदी का अंतःसंबंध क्या है, खेलकूद के माध्यम से बच्चों को कैसे पढ़ाया एवं समझाया जाए, इन विषयों पर हमें कक्षा में जानकारी उपलब्ध कराई जाए। कार्यालाय अधीक्षक डॉ. एस. राधा ने धन्यवाद ज्ञापित प्रस्तुत करते हुए कहा कि आप सभी ऐसे विषम परिस्थितियों में इस पाठ्यक्रम में शामिल हुए हैं धन्यवाद के पात्र हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संदीप कुमार ने किया व तकनीकी सहयोग सजग तिवारी व शेख मस्तान वली ने दिया।

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