हैदराबाद : हुजूराबाद उपचुनाव के बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति को मार पर मार लग रहे हैं। अनाज की खरीद को लेकर केंद्र के खिलाफ जारी संघर्ष में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को ठीक प्रकार से प्रतिसाद नहीं मिल रहा है। एमएलसी चुनाव में भी विद्रोहियों द्वारा दिए गए झटकों से टीआरएस और तनाव में हैं। विधानसभा चुनाव सिर्फ दो साल बाकी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए केसीआर पार्टी को शक्तिशाली करने पर ध्यान केंद्रित किया है। इसी क्रम में केसीआर ने अप्रत्याशित रूप से नया राजनीतिक खेल आरंभ किया है।
इसी बीच देश के जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) की सेवाओँ का इस्तेमाल करके कई पार्टियां अपने-अपने राज्यों में सत्ता में आई हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और पश्मिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पीके की रणनीति के चलते सत्ता में आई है। ज्ञातव्य है कि भाजपा और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दलों ने भी पीके की सेवाओं का उपयोग किया है।
पता चला है कि टीआरएस पार्टी ने भी इस संबंध में पीके टीम से संपर्क किया है। कुछ दिनों के इस बात को लेकर तेलंगाना में प्रचार जारी है, मगर सटीक सबूत सामने नहीं आये हैं। ताजा मंगलवार को प्रगति भवन में सीएम केसीआर के साथ पीके टीम की बैठक हुई। इसके चलते तेलंगाना की राजनीति में यह गंभीर चर्चा का विषय बन गया है।
पता चला है कि केसीआर ने बैठक के दौरान पीके टीम के साथ मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की। तेलंगाना में विभिन्न वर्गों की सरकार के प्रति क्या प्रतिक्रिया है? सरकार द्वारा लागू की जारी योजनाओं, कल्याणकारी कार्यक्रमों, विभिन्न नीतिगत निर्णयों पर लोगों की क्या राय है? केसीआर ने इस दौरान लोगों के विचार एकत्रित करने पर सुझाव दिया है। इसके अलावा केसीआर के सात साल के शासन के प्रति जनता के विरोध विचार पर भी एक सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया हैं। क्रम में पार्टी मशीनरी, पार्टी नेता और मौजूदा विधायकों पर भी जनता की राय एकत्र करने पर विचार विमर्श किया है। पीके टीम ने भी अपनी रणनीति से अवगत कराया है।
पता चला है कि तीसरी बार तेलंगाना में सत्ता हासिल करना ही केसीआर का लक्ष्य है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आने वाले दिनों में पीके टीम की सेवाओं को पूर्ण रूप से उपयोग करने का केसीआर ने मन बनाया है।
दूसरी ओर तेलंगाना में दिवंगत मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के सुशासन स्थापित करने के लक्ष्य को लेकर तेलंगाना में पार्टी स्थापित करने वाली वाईएस शर्मिला भी पीके टीम की सेवाएं ले रही है। पीके टीम में सक्रिय प्रिया राजेंद्रन शर्मिला की पार्टी के लिए रणनीति रच रही हैं। शर्मिला की पदयात्रा को लेकर प्रिया राजेंद्रन ने कई सुझाव भी दिये हैं। कुल मिलाकर टीआरएस प्रमुख केसीआर की रणनीति को लेकर तेलंगाना की राजनीति में गंभीर बहस छिड़ी है। यह तो वक्त ही बताएगा कि पीके टीम केसीआर के साथ रहेगी या वाईएस शर्मिला के साथ काम करेगी।