हैदराबाद: जस्टिस उदय उमेश ललित (Uday Umesh Lalit) ने शनिवार को देश के 49 वें नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सीधे बार से सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाले जस्टिस ललित 16 जज हैं। वहीं देश के सीजेआई के पद तक पहुंचने वाले दूसरे वकील हैं।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित सादे शपथ समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कानून मंत्री किरेन रिजीजू, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस एस के कोल, एजी के के वेणुगोपाल, एस जी तुषार मेहता सहित कई मंत्री, विपक्ष के नेता, सुप्रीम कोर्ट जज और विधिवेता मौजूद थे।
जस्टिस ललित का कार्यकाल 8 नवंबर 2022 तक रहेगा। इस तरह मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस यू यू ललित का कार्यकाल मात्र 74 दिनों का ही रहेगा। जस्टिस ललित से पहले 1971 में जस्टिस एस एम सिकरी देश के पहले मुख्य न्यायाधीश बने थे, जो सीधे बार से आए थे।

शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पूर्व निर्वतमान सीजेआई एन वी रमणा के विदाई समारोह को संबोधन के दौरान जस्टिस ललित ने सीजेआई के रूप में 3 उद्देश्य तय किए हैं। जस्टिस यू यू ललित ने सुप्रीम कोर्ट में मामलो को सूचीबद्ध करने में पारदर्शिता, संवैधानिक पीठ का गठन और जरूरी मामलों को संबंधित पीठ के समक्ष स्वतंत्रता पूर्वक उठाए जाने की व्यवस्था करने का लक्ष्य रखा है। जस्टिस रमणा द्वारा जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में लायी गयी तेजी को बनाए रखना भी उनके सामने एक चुनौती होगी।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ललित अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी के वकील हैं। उनके दादा रंगनाथ ललित आजादी से पहले सोलापुर में एक सम्मानित वकील रह चुके हैं। रंगनाथ ललित अपने समय में महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ मंच साझा कर चुके हैं।
जस्टिस यूयू ललित के 90 वर्षीय पिता उमेश रंगनाथ ललित भी बॉम्बे हाईकोर्ट में जज रह चुके हैं। आपातकाल के दौरान दिए उनके एक फैसले के बाद एडिशनल जज के तौर पर उनका कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया था। इसके चलते वे एडिशनल जज के पद से ही सेवानिवृत हो गये। बाद में वे सुप्रीम कोर्ट में वकालत में आ गए जहां उन्हें सीनियर एडवोकेट मनोनित किया गया।
जस्टिस ललित के दो बेटे हर्षद और श्रेयस हैं। दोनों ने पहले इंजीनियरिंग में पढ़ाई की है। बाद में एक बेटे श्रेयस ललित ने कानून की ओर रुख करते हुए वकालत की। जस्टिस ललित की पत्नी अमिता उदय ललित पेशे से शिक्षाविद हैं और नोएडा में दशकों से बच्चों का स्कूल चला रही हैं। (एजेंसियां)