विवेक वर्धिनी महाविद्यालय में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस, इन वक्ताओं ने डाला नारी के अनेक रूपों पर प्रकाश

हैदराबाद : विवेक वर्धिनी महाविद्यालय में बड़े हर्षोल्लास के साथ अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डी विद्याधर ने कहा कि इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय जनता पार्टी हैदराबाद के उपाध्यक्ष डॉ. साधना ठाकुर, विशेष अतिथि के रूप में श्री मोहम्मद शाजीब, हैदराबाद अंचल के उप प्रबंधक, बैंक आफ महाराष्ट्र उपस्थित हुए हैं। समारोह की अध्यक्षता विवेक वर्धिनी शिक्षण संस्था की महासचिव डॉ.गीता काटे ने की है।

कार्यक्रम का शुभारंभ अंग्रेज़ी की प्राध्यापिका माधवी के द्वारा सरस्वती वंदना के पश्चात् डॉ. डी. विद्याधर के स्वागत भाषण से हुआ है। इस अवसर पर उन्होंने मंचासीन अतिथियों, महाविद्यालय के कार्यकारिणी सदस्यों, वक्ताओं का स्वागत करते हुए अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए महिला दिवस की महत्ता को रेखांकित किया है। महिलाओं को समान भागीदारी को बढ़ावा देने और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रति वर्ष 8 मार्च को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी। तब से प्रति वर्ष आठ मार्च को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाया जाता है।

इस अवसर पर विवेक वर्धिनी शिक्षण संस्था के उपाध्यक्ष आनन्द कुलकर्णी ने अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस की ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि महिलाओं का सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है, विवेक वर्धिनी शिक्षण संस्था का परिचय देते हुए कहा कि यह संस्था महान आदर्शों और प्रतिबद्धता की भावना के संयोजन को समाहित करते हुए पंडित दामोदर सातवलेकर, धर्मवीर वामन नाइक, न्यायमूर्ति केशव राव कोरटकर और महानुभावों नेअपने प्रयास से 1907 को विवेक वर्धिनी शिक्षण संस्था की स्थापना करने का निर्णय लिया।

विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित मोहम्मद शाहज़ीब डिप्टी जोनल मैनेजर, बैंक ऑफ महाराष्ट्रा ने महिला प्राध्यापिकाओं और छात्राओं को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि आज महिलाओं को शक्तिशाली बनने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि अनेक क्षेत्रों में सम्मान पूर्वक जीविकोपार्जन के साधन हैं। बैंकों के क्षेत्र में महिलाओं के अनेक संभावनाएँ हैं। बहुत परिश्रम के साथ अध्ययन करके अपने भविष्य को उजागर करें। मुख्य अतिथि डॉ. साधना ठाकुर ने कहा कि आज महिलाएँ बहुत जागरूक हैं।

महिला मॉं, बहन, पत्नी, सास, ननद आदि अनेक रूपों में अपनी ज़िम्मेदारी को बख़ूबी निभाती है। जिस परिवार, समाज और राष्ट्र में नारी का सम्मान होता है वहॉं सुख, शान्ति और आनन्द का वास होता है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के रूप में मनाया जाता है। महिलाओं को घर के कामकाज के साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए, इस के लिए आध्यात्मिकता एवं योग को अपनाना चाहिए।

अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ. गीता काटे ने कहा कि वैदिक काल में नारियों का मान सम्मान बहुत अधिक रूप में रहा था,इस के लिए उन्होंने उदाहरण के लिये सीता सावित्री गार्गी मैत्रेयी आदि विदुषियों की विद्वत्ता को प्रस्तुत किया है। प्रत्येक देवताओं के पीछे प्रेरणास्रोत देवियॉं ही रही हैं। मध्यकाल में कुछ स्वार्थी लोगों ने नारियों के प्रति ग़लत धारणाओं को प्रस्तुत किया है। आज नारी प्रत्येक क्षेत्र में अपना वर्चस्व को स्थापित कर रही है। नारी अबला नहीं है, वह सबला के रूप में अपने अस्तित्व को चहु ओर विकसित कर रही है।

अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिला प्राध्यापिकाओं के लिए साहित्यिक और खेलकूद प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को अतिथियों ने पुरस्कार प्रदान किए हैं। इस अवसर विवेक वर्धिनी शिक्षण संस्था के संयुक्त सचिव अनिल राजेश्वरकर, कोषाध्यक्ष प्रकाश तुलजापुरकर, रवीन्द्र हिप्पलगोंकर, डॉ. मीनाक्षी, डॉ. वेंकन्ना, डॉ. विजयश्री, डॉ. शैलजा पाटिल आदि उपस्थित रहे हैं। विशेष अतिथि का परिचय अंग्रेज़ी विभाग की प्राध्यापिका हिमजा तथा मुख्य अतिथि का परिचय वाणिज्य विभाग की प्राध्यापिका मोनिका ने दिया है। कार्यक्रम का संचालन सुश्री ताल्ल सिंधुजा और डॉ. जगदेवी मूले ने किया। धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती जयन्ती देशपांडे ने दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

Recent Comments

    Archives

    Categories

    Meta

    'तेलंगाना समाचार' में आपके विज्ञापन के लिए संपर्क करें

    X