हैदराबाद : तेलंगाना बौद्धिक मंच की ओर से अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस ओल्ड एमएलए क्वार्टर मीटिंग हॉल में मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एमएलसी एवं विधान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ बंडा प्रकाश ने शिरकत की। तेलंगाना बौद्धिक मंच ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य मुख्य अतिथि डॉ बंडा प्रकाश के माध्यम से चार भाषाओं के चार प्रोफेसरों को पुरस्कारों से सम्मानित किया।
पुरस्कार पाने वालों में उस्मानिया विश्वविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. विद्यानन्द आर्य, उस्मानिया विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. मायादेवी, उस्मानिया विश्वविद्यालय के उर्दू विभागाध्यक्ष प्रो. अब्दुल मुईद, सेंट फ्रांसिस महिला कॉलेज, बेगमपेट के तेलुगु में सहायक प्रोफेसर विभाग आत्मकुरी प्रशान्त चारी शामिल है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने कहा कि तेलुगु भाषा कई पीढ़ियों की भाषा है और हम सभी को इसकी रक्षा करने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि तेलुगु भाषा दिन-ब-दिन असमानता से पीड़ित है। अन्य भाषा भले ही बहुत विकास हुआ हो, लेकिन उसकी भव्यता मातृ भाषा में होती है। क्योंकि जन्म से लेकर मृत्यु तक मातृ भाषा का बहुत महत्व होता है। इसलिए सभी को मातृभाषा को भूले बिना बनाए रखना चाहिए।
उन्होंने मुख्यमंत्री केसीआर के बारे में बताया कि वे मातृ भाषा तेलुगु के साथ कई भाषाएं जानते हैं। हिंदी, उर्दू , संस्कृत में भी भाषण देते हैं और यह विशेषता है कि वो सभी भाषा को साथ लेकर चलते हैं। राष्ट्रभाषा हिंदी के विषय में सभी लोगों की राय है कि भारत को विकास की राह पर लेकर चलती है। मातृभाषा के साथ-साथ राष्ट्र भाषा का भी विकास होना चाहिए।
इस कार्यक्रम में तेलंगाना बौद्धिक मंच के अध्यक्ष डॉक्टर राजनारायण मुदलियार ने मुख्य अतिथि की भूरि भूरि प्रशंसा की। साथ ही पुरस्कार पाने वालों को बधाई दी। भविष्य में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का आश्वासन दिया। पीआईएफ के जनरल सेक्रेटरी डॉक्टर मोहम्मद अख्तर अली और संयुक्त निदेशक उस्मानिया विश्वविद्यालय ने मेहमानों का स्वागत किया। लायंस क्लब के निदेशक प्रेमचंद मनोत, हैदराबाद साउथ लायंस क्लब और श्री राम मोहन, श्री प्रदीप जाजू, श्री अल्लूरी जगन, डॉक्टर श्रीनिवास, श्री भक्त राम, अध्यक्ष, स्वतंत्रता सेनानी पंडित गंगाराम मेमोरियल फाउंडेशन, कुमारी सुचित्रा चौहान ने भी समारोह को संबोधित कि दिया।