हैदराबाद : मुलुगु जिला पुलिस ने जाल बिछाकर बाघ को मारने के मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। एसपी संग्राम सिंह जी पाटिल के अनुसार, ताडवा मंडल के कोडिशाला वन क्षेत्र में रहने वाले मडवी नरेश, मडवी इरुमय्या, डदकम मुकेश, मडकम देवा और मडवी गंगय्या खेतिहर मजदूर हैं। खेतों में काम करने पर भी उनका गुजारा मुश्किल से होता था। इसके कारण ये लोग कभी कभी वन्य जीव का शिकार करते थे।
इसी क्रम में मुलुगु जिले में टहल रहे बाघ के बारे में इनको पता चला। उन्होंने इस बाघ को मारकर पैसे कमाने की योजना बनाई। प्लान के अनुसार 21 सितंबर के इनके द्वारा बिछाये गये जाल में बाघ फंस गया और उसकी मौत हो गई। इसके बाद स्थानीय निवासी मडकम रामा, उंगय्या, कोवासी इडुमा और मुचकी अंडा की मदद से बाघ की खाल, पंजे और अन्य अंगों को जंगल में छिपाकर रख दिया।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
इसके बाद पुलिस ने पंजे और खाल को बेचने के लिए छत्तीसगढ़ जाते समय नरेश, इरुमय्या, मुकेश, देवा और गंगय्या को काटापुर क्रॉस क्रास रोड के पास गिरफ्तार किया। उनके पास से बाघ की खाल, नाखून, हड्डियां, जाल अन्य चीजें जब्त किये हैं। पुलिस ने इन पांच आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
छत्तीसगढ़ से आया बाघ
दूसरी ओर वरंगल सीसीएफ आशा ने कहा कि बाघ छत्तीसगढ़ से आने की पहचान इस साल 1 अगस्त को कर्मचारियों द्वारा पैरों के निशान के आधार पर की गई थी। मुलुगु, महबूबाबाद, कोत्तागुडेम और हनुमाकोंडा जिलों के जंगलों में इस बाघ की गतिविधियां देखी गईं थी।