हैदराबाद: साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘साहित्य मंथन’ और दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के संयुक्त तत्वाधान में डॉ गुर्रमकोंडा नीरजा की नवीनतम आलोचना कृति ‘समकालीन साहित्य विमर्श’ का लोकार्पण समारोह 18 दिसंबर को दोपहर 2.30 बजे खैरताबाद स्थित सभा के परिसर में आयोजित किया जाएगा।
समारोह की अध्यक्षता अरबा मींच विश्वविद्यालय, इथियोपिया के पूर्व प्रोफेसर डॉ गोपाल शर्मा करेंगे। उस्मानिया विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर डॉ शुभदा वांजपे मुख्य अतिथि का आसन ग्रहण करेंगी। मुख्य वक्ता के रूप में युवा कवि प्रवीण प्रणव पुस्तक की समीक्षा करेंगे। मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो करन सिंह ऊटवाल और सभा के सचिव एस. श्रीधर विशेष अतिथि होंगे।
‘समकालीन साहित्य विमर्श’ तेलुगुभाषी हिंदी लेखिका डॉ गुर्रमकोंडा नीरजा की छठी मौलिक पुस्तक है। साथ ही वे अब तक 9 ग्रंथों का संपादन तथा हिंदी से एक कहानी संग्रह का तेलुगु में अनुवाद प्रस्तुत कर चुकी हैं। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के ‘हिंदीतर भाषी हिंदी लेखक सम्मान’ से पुरस्कृत किया गया है।
इस अवसर पर डॉ नीरजा ने बताया कि ‘समकालीन साहित्य विमर्श’ के प्रकाशन पर वे विशेष प्रसन्न हैं, क्योंकि इसकी शुभाशंसा और भूमिका प्रो रमेश चंद्र शाह और प्रो दिविक रमेश जैसे आज के शीर्षस्थ साहित्यकारों ने लिखी है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में हरित विमर्श, किन्नर विमर्श, स्त्री विमर्श, लघुकथा विमर्श, लोक विमर्श, दलित विमर्श, विस्थापन विमर्श, आदिवासी विमर्श, वृद्धावस्था विमर्श और उत्तर आधुनिक विमर्श पर केंद्रित 24 शोधपूर्ण आलेख शामिल हैं।
लेखिका ने बताया कि लोकार्पित पुस्तक की पहली प्रति प्रतिष्ठित कवि-समीक्षक प्रो ऋषभदेव शर्मा स्वीकार करेंगे। समारोह का संचालन मिश्र धातु निगम के राजभाषा अधिकारी डॉ बी बालाजी करेंगे।