डॉ मिलिंद पाटिल की 'पुस्तक कलम की तलवारें' की समीक्षा गो
Continue Readingडायरी-अंश, समकाल में स्त्री : कुछ टिप्पणियां
[‘स्त्री’ यों तो सदा से तमाम सभ्यताओं के केंद्र में रही ह
Continue Readingपुस्तक पर चर्चा: लेखक और पाठक का क्षितिज है गुर्रमकोंडा नीरजा की ‘परख और पहचान’
'परख और पहचान' (2022; दिल्ली: यश पब्लिकेशन्स) तेलुगुभाषी हिंद
Continue Readingगुर्रमकोंडा नीरजा की ‘परख और पहचान’ पुस्तक समीक्षा: “परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता”
बशीर बद्र का बहुत मकबूल शेर है "परखना मत परखने में कोई अपन
Continue Readingसमकालीन साहित्य विमर्श: पुस्तक की प्रवीण प्रणव की दमदार समीक्षा, बारह मसाले तेरह स्वाद
[साहित्य मंथन और दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के संयुक्त
Continue Readingडॉ गुर्रमकोंडा नीरजा की ‘समकालीन साहित्य विमर्श’ लोकार्पित, पहली प्रति डॉ ऋषभदेव शर्मा को किया भेंट (वीडियो)
हैदराबाद: ‘साहित्य मंथन’ और दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभ
Continue Readingडॉ गुर्रमकोंडा नीरजा की पुस्तक ‘समकालीन साहित्य विमर्श’ का लोकार्पण 18 को, देखिए निमंत्रण वीडियो
हैदराबाद: साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था 'साहित्य मंथन' और
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