हैदराबाद : बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने रविवार को पाकिस्तानी सेना के काफिले पर हमला किया है। यह हमला बलूचिस्तान के नोशकी में किया गया। बीएलए का दावा है कि उसके मजीद ब्रिगेड और फतेह स्क्वाड ने मिलकर इस हमले को अंजाम दिया। इस हमले में 90 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं। दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना ने हमले में सात सैनिकों की मौत होने की बात कही है।
दोनों ओर से अलग-अलग दावों के बीच बीएलए ने इस हमले का पहला वीडियो जारी किया है। वीडियो में पाक सेना की गाड़ियां उड़ती हुई देखी जा सकती हैं। वीडियो में दिख रहा है कि हमले के बाद पाक सेना की बसें आग का गोला बन गई और सैनिक जान बचाने को भागने लगे। बीएलए ने बताया कि नोशकी में आठ बसों और दो गाड़ियों वाले सैन्य काफिले पर उसने हमला हुआ। एक बस को आईईडी से भरे वाहन से उड़ा दिया गया। वहीं दूसरे वाहन पर आरपीजी से हमला किया गया। विस्फोट के बाद फतेह स्क्वाड ने काफिले को घेर लिया और सैनिकों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
बीएलए का कहना है कि मजीद ब्रिगेड और फतेह स्क्वाड के लड़ाकों ने 90 पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतारा है। दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना ने हमले की पुष्टि की है, लेकिन उसने बीएलए के दावों को खारिज कर दिया है। सेना का कहना है कि केवल सात सैनिक मारे गए हैं और 21 घायल हुए हैं। पाक सेना ने बताया कि क्वेटा से तफ्तान जा रहे सुरक्षा बलों के काफिले पर हमला हुआ। सात बसों और दो गाड़ियों वाले इस काफिले को निशाना बनाया गया। एक बस आईईडी से लदी गाड़ी से टकरा गई, जो एक आत्मघाती हमला था। दूसरी बस पर आरपीजी से हमला किया गया।
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मजीद ब्रिगेड बीएलए की एक स्पेशल फोर्स यूनिट है। फतेह स्क्वाड भी बीएलए की यूनिट है। हमले में आईईडी यानी इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस का इस्तेमाल हुआ। यह एक तरह का बम होता है, जिसे आसानी से बनाया जा सकता है। वहीं आरपीजी का मतलब रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड होता है। यह कंधे से चलाया जाने वाला हथियार है, जिससे रॉकेट दागे जाते हैं। (एजेंसियां)