हैदराबाद: डॉ बीआर अम्बेडकर ओपन युनिवर्सिटी में हर साल की तरह इस साल भी 1 दिसंबर को दिवंगत पत्रकार नार्ला की 40 जयंती मनाई गई। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार और लेखक कल्लूरी भास्करम ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
भास्करम ने ‘नार्ला बाटलो मुंदुन्नमा-वेनकबड्डमा?’ (क्या हम नार्ला के दिखाये मार्ग में आगे है या पीछे?) विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। वरिष्ठ पत्रकार कल्लूरी भास्करम ने कहा है कि जाति और धर्म के नाम पर समाज को विभाजित करना ठीक नहीं है। नार्ला एक आदर्श पत्रकार के रूप में महान मूल्यों के साथ जीवन बिताये हैं।
उन्होंने आगे नार्ला की तारीफ करते हुए कहा कि पहले के दौर में उधर साहित्य में और इधर पत्रकारिता में अधिकतर साहित्यिक (शाब्दिक) भाषा का प्रयोग करते थे। मगर नार्ला ने आम लोगों की भाषा को पत्रकारिता में इस्तेमाल किया है। नार्ला ने पत्रकारिता जीवन में कहीं पर भी और कभी भी गलत कदम नहीं उठाया। वे हमेशा अपने संपादकीय में सवाल ही करते रहे।
कार्यक्रम के अध्यक्ष और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो के सीताराम राव ने कहा कि वर्तमान समाज के लिए नार्ला जैसे पत्रकारों की बहुत जरूरत हैं। मूल्यवान पत्रकारिता ही समाज में आदर्श स्थापित करेगी। नार्ला लाइब्रेरी विश्वविद्यालय में स्थापित किया जाना गर्व की बात है।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के संकाय निदेशक प्रो ई सुधारानी और प्रभारी कुल सचिव डॉ एवीएन रेड्डी ने भी समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया और कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्याल के सभी विभागों के प्रमुख, डीन, कर्मचारी और संघ के नेताओं ने भाग लिया। इस दौरान उन्होंने नार्ला की तस्वीर पर माल्यार्पण किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।