हैदराबाद: शनिवार को बिहार समाज सेवा संघ के राष्ट्रीय चेयरमैन राजू ओझा के निवास बिहिया प्रखंड के कटेया में भोजपुरी समाज के वरिष्ठ पदाधिकारियों का बैठक हुई।
बैठक में सलील गीतकार कुमार अजय सिंह और प्रमुख साहित्यकार भोजपुरी के मान्यता देईं ए सरकार किताब लिखे वाले राम बहादुर राय जी भोजपुरी में अश्लीलता खत्म करने के लिए दिन रात मेहनत करने वाले आदरणीय श्री नंद कुमार तिवारी जी शाहपुर भाग संख्या 3 के जिला पार्षद गंगाधर पांडे जी और बिहार समाज सेवा संघ के राष्ट्रीय चेयरमैन राजू ओझा जी कृष्णा उपाध्याय, प्रवीण तिवारी, जितेंद्र ओझा,अमित ओझा आदि लोग उपस्थित थे।बैठक में भोजपुरी पर गहन विचार विमर्श किया गया।
1 सबसे पहला चर्चा भोजपुरी के संविधान मान्यता को लेकर ठोस कार्य भोजपुरी भाषा भाषी क्षेत्रों में करने का निर्णय लिया गया 2 क्या कारण है कि अभी तक लगभग 24 करोड़ों भोजपुरी भाषा को बोलने वाले लोगों के साथ लुकाछिपी का खेल चल रहा है? 3 बहुत जरूरी की बात है कि हर तरह से परिपूर्ण है भोजपुरी क्षेत्र के लोग उसके बाद भी भोजपुरी के मान्यता क्यों नहीं मिल रहा है। 4 भोजपुरी में अश्लीलता खत्म करने के लिए और कौन कन सा कदम उठाया जा सकता है? 5 सलील गीतकार लेखक लोगों को भरपूर सहयोग कैसे दिया जाए। 6 जो भी अश्लील लिखकर के भोजपुरी के संस्कृति को गड्ढा में ढकेल रहा है उस पर कैसे शिकंजा कसा जाए। 7 अभद्र गीत गवनई गाने वाले गायकों का समाज से बहिष्कार किया जाये।
साथ ही भोजपुरी गीत संगीत जो लोग अच्छा गाते हैं उनको समाज में प्रोत्साहित करना चाहिए और हम सभी को सम्मान भी देना चाहिए। बैठक में उपरोक्त बात पर बहुत गहराई से सोच विचार कर यह निर्णय लिया गया भोजपुरी में अश्लीलता खत्म करने के लिए बीड़ा उठाने वाले निस्पृह भाव से अपने तन मन धन को लगाकर श्री नंद कुमार तिवारी ने कहा कि जब 10 वर्ष से हम एक आंदोलन छेड़े हैं। अभद्र गाने वालों के खिलाफ संगठित रूप से एक जन आंदोलन के रूप देने की जरूरत है। तभी सफलता मिलेगी।
भोजपुरी क्षेत्र में बिहार सरकार एक आदेश भी जारी किया है लगभग 5000 से ऊपर सलिल गीत लिखने वाले सलिल गीतकार कुमार अजय सिंह ने कहा कि फूहर गाने वाला लिखे वाला लोग को अब समय आ गया है कार्रवाई करने का सरकार चिट्ठी तो जारी कर दिया है लेकिन अब भी लड़खड़ाते हैं अश्लीलता गाने वाले लोग एक इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। जो भी अच्छा लिख रहे हैं और गा रहा हैं भोजपुरी में वैसे लेखक/कलाकार लोगों को सम्मानित किया जाये। मीटिंग में उपरोक्त बात पर बहुत गहराई से सोच-विचार हुआ।
नन्द कुमार तिवारी बाबा
भोजपुरी में अश्लीलता खतम करने के लिए बीड़ा उठाने वाले निस्पृह भाव से अपना तन-मन-धन को झोंकने वाले नन्द कुमार तिवारी बाबा कहे जो दस बारह वर्षों से हम एक आंदोलन छेड़े हुए हैं अभद्र गावे वाले लोगों के खिलाफ उसको के संगठित रूप से एक जनांदोलन का रूप देने पर सफल होगा हालांकि कुछ सफलता भी जरूर मिली है बिहार सरकार ने एक आदेश जारी कर दिया है।
गीतकार कुमार अजय सिंह
लगभग पांच हजार से उपर सलिल गीत लिखने वाला सलिल गीतकार कुमार अजय सिंह जी कहे कि ये फूहर गाने वाले लिखने वाले लोगों पर अब समय आ गया है कि कारवाई हो सरकार चिठ्ठी तो जारी कर दी है लेकिन अभी भी अश्लीललता वालों.पर ठोस कदम उठाना जरुरी हो गया है।
साहित्यकार रामबहादुर राय
हिन्दी और भोजपुरी के साहित्यकार रामबहादुर राय के विचार में भोजपुरी की मान्यता के लिए कोशिश हो रहा है लेकिन सब कुछ हवा में उड़ रहा है सब अपने पहचान के लिए लाइव में आ रहा है , कोई पांच अदमी जाकर कहीं बैठकर के अखबार में नाम निकलवा लेते हैं फिर पेपर की कटिंग दिखाकर बताते हैं कि आन्दोलन चल रहा है बहुत पहले से तो इतने से भोजपुरी की मान्यता के लिए 2024 लोकसभा चुनाव से पहले जबर्दस्त मुहिम छेड़कर के इसको एक जन आंदोलन बनाना होगा। गांधी जी जैसा करो या मरो के नारा लेकर जमीन पर उतरना होगा। जो यह फूहर पातर गाना गाकर गंध मचाने वाले लोग पर सरकार की चिठ्ठी के मुताबिक अमल करना पड़ेगा नहीं तो ये लोग मानने वाले नहीं हैं भोजपुरी साहित्य और साहित्यकार लोगों से है ,ये लोग कोई भिखारी ठाकुर, महेंद्र मिसिर, शारदा सिन्हा तो नहीं हैं।
राष्ट्रीय चेयरमैन राजू ओझा
बिहार समाज सेवा संघ के राष्ट्रीय चेयरमैन राजू ओझा जी ने कहा कि भोजपुरी के उत्थान हेतु जरुरी है कि ग्राम पंचायत समिति, प्रखंड समिति और जिला समिति का चुनाव कराया जाये। इसमें में हम लोगों के वरिष्ठ पदाधिकारियों को डोर टू डोर घूमना पड़े उसके बाद सब समिति तैयार होगी। ध्यान रहे कि जाति-पाति, लिंग भेदभाव से उपर उठकर इन समितियों को गठित करना पड़ेगा।
पार्षद गंगाधर पांडेय
शाहपुर भोजपुर के जिला पार्षद गंगाधर पांडेय जी ने कहा कि हम आप सब लोगों के संगे कंधा से कंधा मिलाके चलब आ जहंवा जरुरत होखी हम आगहीं आगे मिलब..हर तरह से हम तैयार बानी.. राजनितिक रुप भी हम आप सब लोगों की बात उच्च स्तर तक पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।जिला समिति में प्रशासनिक अधिकारी भी रह सकते हैं,महिने में एक जिला समिति के बैठक हो जिसके लिए सेन्ट्रल कमिटी के पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे।
लोकसभा चुनाव-2024
ग्राम समिति की बैठक हरेक तीन माह में होना अनिवार्य होगा। हमारा दॄढ विश्वास है कि इस तरह से काम होगा तो भोजपुरी से अश्लील हरकतें भी खत्म हो सकेंगी और आठवीं अनुसूची में मान्यता हेतु कोशिश भी सफल हो पायेगी। यह कार्य आने वाले लोकसभा चुनाव-2024 से बहुत पहले मतलब जितना जल्दी हो सके करना पड़ेगा।