हैदराबाद: तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष बंडी संजय ने कहा कि सीएम केसीआर ने लोगों को गुलाम दिया है। करीमनगर में मौन दीक्षा (मौन आंदोलन) के बाद सोमवार को मीडिया से यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि केसीआर को लोगों की समस्याओं का समाधान करने में दिलचस्पी नहीं है। संजय ने केसीआर से सवाल किया कि बंजर (पोडु) भूमि 2018 में दिये गये आश्वासन का क्या हुआ? कल की प्रेस कांफ्रेंस में केसीआर के चेहरे पर डर साफ दिखाई दे रहा था। धरणी पोर्टल से लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। धरणी पोर्टल में 15 लाख एकड़ भूमि का विवरण उपलब्ध नहीं है।
बंडी संजय ने कहा कि 2018 से अब तक कितनी पोडु भूमि की समस्याओं का समाधान किया है बताये। सवाल करने वाले आदिवासियों पर लाठीचार्ज करते हैं। आंदोलन कर रही गर्भवती और प्रसूति महिलाओं को भी पुलिस ने पीटा है। केसीआर कहते है कि कुर्सी पर बैठकर समस्याओं का समाधान करेंगे। इसलिए मौन दीक्षा में महाराजा की कुर्सी लगाई गई। केसीआर आये और महाराजा कुर्सी पर बैठकर लोगों की समस्याओं का समाधान करें। केसीआर मुंह खोले तो सब झूठ बोलते हैं। जब भ्रष्टाचार के बारे में केसीआर की बात करते हैं तो लगता है कि शैतान वेद पाठ कर रहे हैं।
बंडी संजय ने कहा कि केसीआर के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए धरणी पोर्टल लेकर आये है। धरणी के कारण कईं किसानों की जमीन गायब हो गई है। कब्जा की अवधि हटाने के कारण कई लोगों को अपनी जमीन गंवानी पड़ रही है। भूमि समस्याओं का समाधान करने का आग्रह करे तो अधिकारी कह रहे है कि हमारे हाथ में कुछ भी नहीं है। इसका अता-पता नहीं है कि कितनी एकड़ भूमि लापता है। परिणामस्वरूप किसान कार्यालय और कोर्ट के चक्कर कांट रहे है।
उन्होंने कहा कि राजस्व कार्यालय धरणी की समस्याओं के आवेदनों से भर गये हैं। टीआरएस नेता ही कह रहे हैं कि धरणी पोर्टल से दिक्कत उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि केसीआर ने हजारों करोड़ की जमीन उनके रिश्तेदारों के नाम ट्रांसफर कर दिया है। संजय ने आगे कहा कि आप सुधार का विकल्प नहीं दिये हैं। अब लोग वोट के माध्यम से आपको सुधार का विकल्प दिखाएंगे। भाजपा के कारण है कि केसीआर मीडिया के साथ अच्छे बोल रहे हैं। बंजर भूमि के भरोसे जी रहे लोगों पर हमला किये जा रहे है।
मंचेरियाल मंडल दंडेपल्ली आदिवासी महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। गरीबों की जमीन पर सरकारी दफ्तर बन रहे हैं या टीआरएस के नेता उस पर कब्जा कर रहे हैं। वन भूमि में फसल बोने वाले किसान इस चिंता में जी रहे हैं कि कौन कहां से आयेगा। धरणी और पोडु (बंजर) भूमि की समस्याओं के तत्काल समाधान के लिए मौन दीक्षा किया है। बंडी ने मांग की कि गरीब किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाये। वर्ना हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक बंजर भूमि के पट्टे आदिवासियों को नहीं दिये जाते।