हैदराबाद : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को निर्मल शहर में तेलंगाना मुक्ति दिवस पर एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि केवल बीजेपी ही तेलंगाना के लोगों को पारिवारिक शासन से मुक्त कराएगी। साथ ही आल-इंडिया-मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन पर निर्भर रहने वाली सरकार से तेलंगाना को आजादी दिलाएगी।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने 17 सितंबर 1948 को तेलंगाना को आजादी दी थी। तेलंगाना को वास्तविक स्वतंत्रता तभी मिलेगी, जब कोई सरकार सत्ता में आएगी तो एमआईएम पर निर्भर नहीं रहेगी। 17 सितंबर को आधिकारिक रूप से नहीं मनाने के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति सरकार की आलोचना की और आश्वासन दिया कि तेलंगाना में बीजेपी के सत्ता में आते ही आधिकारिक तौर पर तेलंगाना मुक्ति दिवस मनाएगी।
अमित शाह ने आरोप लगाया कि टीआरएस सरकार आधिकारिक समारोह का आयोजन नहीं कर रही है क्योंकि वह असदुद्दीन ओवैसी से डरी हुई है। जो लोग ओवैसी से डरते हैं, उन्हें डरते ही रहने दें। मगर बीजेपी किसी से नहीं डरती है और वह तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करती है। साथ ही चेतावनी दी कि ओवैसी की शरण लेने से कोई नहीं बचेगा। अगर कोई सोचता है कि ओवैसी की शरण लेने से वह सुरक्षित रहेगा, तो मैं उसे बताना चाहता हूं कि तेलंगाना के लोग जाग गये हैं और ओवैसी की शरण में आपको कोई नहीं बचा सकता है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि तेलंगाना आंदोलन के दौरान के चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना में 17 सितंबर को आधिकारिक समारोह मनाने का आश्वासन दिया था। मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि कर्नाटक और महाराष्ट्र की तरह आधिकारिक समारोह मनाने का आपका आश्वासन क्या हुआ?
अमित शाह ने बताया कि भारत की आजादी के 13 महीने बाद तेलंगाना और कर्नाटक और महाराष्ट्र के कुछ हिस्से आजाद हो गये। यह सब सरदार पटेल के आदेश पर शुरू की गई पुलिस कार्रवाई के कारण हो पाया है। हैदराबाद राज्य का भारत में विलय हो गया। निर्मल के आदिवासियों ने आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ और बाद में निजाम के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी है।