विशेष संपादकीय: तीनमार मल्लन्ना की गिरफ्तारी के विरोध में गोलमेज बैठक, लोकतंत्र बचाने को मिला है बल

युद्धम मिगले उंन्नदी युद्धम नेल ना,

सिद्धम गम्मन्नदी मन तेलंगाना लो ना

अमरवीरुल त्यागम पै येर्पड्ड ई नेल ना

तिरुगुबाटु गोंतै कंदलिंडुर तीनमार मल्लन्ना ….

[संक्षिप्त सारांश- युद्ध बाकी है युद्ध की इस तेलंगाना की ज़मीं पर
सपनों का तेलंगाना साकार करने के लिए तैयार हो जा

शहीदों की त्याग से बना है यह तेलंगाना
बगावत की हुंकार लेकर आगे बढ़ रहा है तीनमार मल्लन्ना…]

क्यू न्यूज यू टैब चैनल में हर दिन सुबह समाचार बुलेटिन के प्रसारित होने पहले तेलुगु का यह गीत सुनाया जाता है। इस गीत में तेलंगाना की वर्तमान हालात, तीनमार मल्लन्ना की ओर से किये जा रहे संघर्ष, तेलंगाना में एक बार फिर से आंदोलन की जरूरत और जागरूकता का संदेश देता हुआ आगे बढ़ता है। गीत के समाप्ति के बाद मल्लन्ना (इस समय तीनमार मल्लन्ना जेल में बंद है) या उनके साथी अखबरों के पहले पन्नों पर छपी खबरों को पढ़ते है और उस पर अपनी टिप्पणी देते हैं। यह टिप्पणी ही सरकार, नेता, कालेधंदे वाले और अधिकारियों की नींद हराम कर देती और दे रही है। आंधा या एक घंटे तक यह बुलेटिन प्रसारित होता है।

इस बीच यदि कोई प्रताड़ित और दुखी व्यक्ति क्यू न्यूज कार्यालय आता है तो उसकी समस्याओं को सुनते और सुनाते हुए सीधा प्रसारण किया जाता हैं। इस दौरान संबंधित अधिकारी और नेताओं से फोन पर भी बात करते हैं। इसी दौरान मुख्यमंत्री के चद्रशेखर राव को बाताला पोशट्टी अर्थात केवल बातें करने वाला, मंत्री केटीआर को ड्रामा राव अर्थात नाटक करनेवाला जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं। इसी तरह केसीआर की बेटी के कविता और दामाद को अन्य नामों से संबोधित करते रहते हैं। कहा जा रहा है कि इस बुलेटिन के दौरान तेलंगाना में अधिकतर लोग अन्य चैलन देखना बंद कर देते है और चाय या नास्ता करते हुए क्यू न्यूज यूट्यूब चैनल ही देखते हैं।

आपको बता दें कि नल्लगोंडा जिले के तीनमार मल्लन्ना का असली नाम चिंतपुंडु नवीन कुमार है। मल्लन्ना एक आलोचानात्मक पत्रकार है। इससे पहले V6 टीवी चैनल में प्रसारित होने वाले तीनमार मल्लन्ना कार्यक्रम को यही तैयार करते थे, जो काफी प्रसिद्ध हुआ है। किसी कारणवश मल्लन्ना ने V6 छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने Q News अर्थात सवालों का समाचार शुरू कर दिया। क्यू न्यूज इतना प्रसिद्ध हुआ कि हर कार्यक्रम को लाखों लोग देख रहे हैं। इसकी खासियत यह है कि हर आरोप को सबूतों के साथ प्रसारित किया जाता है। इस दौरान कहीं पर भी डर या शंका की कोई गुंजाइश नहीं होती है। सीधे गोलियों की बौछार की तरह प्रसारण आगे बढ़ता है।

कुछ विश्लेषकों का कहना है कि एक मुख्यमंत्री को बाताला पोशट्टी, केटीआर को ड्रामा राव और परिवार के अन्य सदस्यों को अन्य नामों से संबोधित करना गलत है यानी ऐसा नहीं करना चाहिए। इसके जवाब में मल्लन्ना कहते है कि तेलंगाना की लड़ाई निधुलु, नियमकालु और निल्लु (निधि, नौकरी और पानी) के लिए लड़ा गया था। तेलंगाना आंदोलन के दौरान केसीआर ने इससे भी भयानक शब्दों का प्रयोग आंध्रा के नेताओं के खिलाफ किया है। हम केसीआर का ही अनुसरण कर रहे है। तेलंगाना में इस प्रकार बोलने पर ही लोगों को समझ में आता है। इतना ही नहीं दलित व्यक्ति को मुख्यमंत्री, दलितों को तीन एकड़ भूमि जैसे दिये गये आश्वासनों पर केसीआर खामोश हैं। वर्तमान में तेलंगाना सरकार केवल केसीआर के परिवार की हो गई है। मल्लन्ना सबूतो के साथ सवाल करते है कि सात साल पहले केसीआर की परिवार की संपत्ति और इस समय की संपत्ति कितनी हुई है और कहां से कैसी आई हैं। गरीब और गरीब हो रहा है। मगर यह परिवार और धनवान होता ही जा रहा है। किसान और बेरोजगार युवक आत्महत्या कर रहे हैं। केसीआर का परिवार मात्र ‘बंगारू’ (सोना) हो गया है। क्या इसीलिए तेलंगाना के लोगों ने बलिदान दिया है? यह सब देखकर ही हमआवाज उठा रहे हैं और आखिर सांस तक उठाते रहेंगे। मल्लन्ना के इन तीखे सवालों से तेलंगाना सरकार बौखला गई है।

इसी बीच एक बार तीनमार मल्लन्ना ने लोगों से मिल रही शिकायतों के चलते ज्योतिषी लक्ष्मीकांत शर्मा के काले कारनामों पर सबूतों के साथ एक स्टोरी प्रसारित की। कार्यक्रम में मल्लन्ना ने ज्योतिषी शर्मा पर आरोप लगाया कि लोगों को उनके अंधविश्वास और नादानी का आसरा लेकर कैसे हजारों-लाखों रुपये वसूल कर रहा है। साथ ही अप्रैल महीने में ज्योतिषी लक्ष्मीकांत शर्मा के खिलाफ चिलकलगुडा थाने में शिकायत भी दर्ज की। मगर दर्ज शिकायत पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। इसी बीच मौके की तलाश में बैठी केसीआर सरकार को ज्योतिषी लक्ष्मीकांत शर्मा एक शतरंज के प्यादा के रूप में मिल गया है। राजनीति से प्ररित शर्मा ने मल्लन्ना के खिलाफ ब्लैकमेल करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की। इसके चलते पुलिस ने क्यू न्यूज कार्यालय पर तीन बार छापा मारा और कंप्युटर के हार्डडेस्क और अन्य सामान उठा ले गये।

आरोप है कि अप्रैल महीने से लंबित लक्ष्मीकांत शर्मा के मामले में पुलिस ने राजनीति से प्रेरित होकर तीनमार मल्लन्ना को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसे सिकंदराबाद कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने मल्लन्ना को न्यायिक हिरासत चंचलगुड़ा जेल भेज दिया। पुलिस ने मल्लन्ना को कोर्ट में सात दिन की हिरासत में देने के लिए याचिका दायर की। मगर कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। मगर दो दिन बाद कोर्ट ने मल्लन्ना को चार दिन की पुलिस की हिरासत दे दी। इसी बीच मल्लन्ना ने पुलिस के जुल्म के खिलाफ चंचलगुड़ा जेल में आमरण अनशन शुरू किया। जब पुलिस मल्लन्ना को हिरासत में लेकर थाने आई तब उनके अनशन का छठवां दिन था। थाने में आते ही उनकी तबीयत और बिगड़ गई। पुलिस ने उसे अस्पताल ले गई। लाख मनाने पर भी उसने अनशन नहीं तोड़ा। मगर मल्लन्ना के टीम के सदस्य दासरी भूमय्या के सुझाव पर मल्लनना ने नींबू का रस पीकर अनशन समाप्त किया।

इसी बीच मल्लन्ना के गिरफ्तारी को लेकर तेलंगाना में आंदोलन शूरू हुआ। आंदोलनकारियों ने सरकार के पुतले जलाये और धरना कार्यक्रम किये। पाशम यादगिरी जैसे वरिष्ठ पत्रकारों ने मल्लन्ना के गिरफ्तारी की निंदा की और तुरंत रिहा करने की मांग की। इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने भी मल्लन्ना की गिरफ्तारी की निंदा की और केसीआर सरकार की कड़ी आलोचना की। इस दौरान कुछ नेता उनके घर जाकर परिवार को हिम्मत दी। मल्लन्ना के परिवार में एक दिव्यांग बेटी भी है। जो पिता की बहुत ही लाड़ली है। पिता के दिखाई नहीं देने से वह सदमें का शिकार हो गई। उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। अब वह ठीक है।

इसी क्रम में तेलंगना इंटी पार्टी के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ चेरुकु सुधाकर ने 8 सितंबर को (बुधवार) को सोमाजीगुड़ा प्रेस क्लब में सर्वदलीय गोलमेज बैठक का आयोजन किया। सुधाकर कोई और नहीं बल्कि नलगोंडा-खम्मम-वरंगल स्नातक एमएलसी चुनाव में मल्लन्ना और अन्य के प्रतिद्वंदी रहे हैं। इस चुनाव में मल्लन्ना टीआरएस के उम्मीदवार से कम वोटों के अंतर से हार गये थे। फिर भी महानता का परिचय देते हुए सुधाकर ने मल्लन्ना की गिरफ्तारी निंदा की और सरकार की नीति के खिलाफ गोलमेज बैठक का आयोजन किया। सरकार के खिलाफ आवाज उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस गोलमेज बैठक में बीजेपी के विवेक, कांग्रेस के मल्लु रवि, सीपीआई के सुधाकर, न्यू डेमोक्रसी सीपीआईएमएल के नेता, टीजेएस के सलीम और अन्य नेता, पत्रकार और लगभग 200 वक्ताओं ने भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किये। गोलमेज बैठक का सारांश निकला कि सरकार के खिलाफ बोलने वालों का गला दबाया जा रहा है। तेलंगाना में कदम-कदम पर संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तेलंगाना में लोकतंत्र को बचाने के लिए आंदोलन को तेज करने के डॉ चेरुकु सुधाकर और वरिष्ठ पत्रकार पाशम यादगिरी के आह्वान को बल मिला है।

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