‘तेलंगाना समाचार’ में 7 मई को प्रकाशित आदरणीय प्रोफेसर ऋषभदेव शर्मा की मार्च 2023 – फ़रवरी 2024 लेखकीय डायरी से ली गईं ‘समकाल में स्त्री’ पर आपकी टिप्पणियों को मैंने पढ़ा। ये टिप्पणियां विश्व के हर कोने में,नारी के हर क्षेत्र में बढ़ते कदमों को और साथ ही अपने अस्तित्व को न्याय दिलाने के लिए किए जा रहे सतत संघर्षों पर मूल्यवान धरोहर हैं। लेखकीय डायरी में सभी टिप्पणियाँ पुरुष वर्चस्व वाले समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन की तथा कठोर कानून की अपेक्षा करती हैं जो पुरुष की कुत्सित मानसिकता पर अंकुश लगा सकें जिससे शोषण की कड़ियाँ टूटें और हर नारी अपने को पूर्ण सुरक्षित महसूस करे।
न्यायमूर्ति नागरत्ना का इस बात पर जोर देना कि सुदृढ परिवार की दीवारें महिला अधीनता की नींव पर नहीं खड़ी की जा सकतीं; न्यायपालिका के समक्ष समय समय पर आने वाली चुनौतियों के प्रति चिंता को प्रकट करती हैं। “वास्तव में विडंबना यह है कि स्त्रियों के प्रति जघन्य अपराध करने वालों के प्रति न्याय व्यवस्था के पर्याप्त कठोर होने के बावजूद कानून की किसी न किसी कमज़ोरी का फायदा उठाकर ऐसे लोग बहुत बार छुट्टे घूमते रहते हैं!”
संबंथित लेख-
आपकी यह टिप्पणी उस आडम्बर पर से पर्दा उठाती है जिसे पुरुष दशकों से ओढ़े हुए है। हम सभी यह देख रहे हैं कि कुंठाग्रस्त पुरुष नारी के बढ़ते कदमों में अपनी संकुचित सोंच के कारण बेड़ियाँ बांध देना चाहता है। आप का कथन आज का सच है–”भारत की बेटियाँ उच्च शिखर पर पहुँच कर तरह-तरह से साबित कर चुकी हैं कि स्त्री शक्ति सर्वसमर्थ है।” यह सच भी है कि नारी बिना हारे अपनी शक्ति को बार बार सिद्ध कर रही है।
आपने इस कड़वे सच को भी उजागर किया है कि नारी आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनी अवश्य है, परंतु अधिकांश घरों में उसे कमाने वाली मशीन के रूप में लिया जा रहा है। वास्तव में आर्थिक सशक्तीकरण अभियान उसी स्थित में सफल माना जाएगा जब घर और बाहर दोनों जगह लैंगिक भेदभाव दूर हो। विश्व संगठन की मानवाधिकार परिषद् भी मानवाधिकार उलंघन को नहीं रोक पा रही। इस दिशा में जो धीमी यात्रा है, उसमें गति लानी होगी।
संबंधित लेख पर प्रतिक्रिया-
आदरणीय आप की लेखकीय टिप्पणियाँ प्रशासन समाज और शोधकर्ताओं के लिए सभी स्तरों पर नारी सशक्तिकरण के विषय पर महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट हैं। डॉ नीरजा जी को साधुवाद जिन्होंने इन्हें संकलित कर हमें एक स्थल पर नारी सशक्तिकरण की संपूर्ण स्थिति की जानकारी उपलब्ध कराई है।
डॉ सुरभि दत्त