हैदराबाद : युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (पंजीकृत न्यास) आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना राज्य शाखा की उन्नीसवीं काव्यगोष्ठी अध्यक्षा डॉ. रमा द्विवेदी के निवास स्थान (इम्पीरिअल मैनर अपार्टमेंट, फ़्लैट नंबर 102) में आयोजित की गई। डॉ. रमा द्विवेदी (अध्यक्ष, तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश शाखा) एवं महासचिव सरिता दीक्षित ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यह काव्य गोष्ठी प्रदेश इकाई की उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठतम साहित्यकार श्रीमती विनीता शर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन से हुआ। संगोष्ठी संयोजिका शिल्पी भटनागर ने मधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। तत्पश्चात अध्यक्ष डॉ रमा द्विवेदी ने संस्था का परिचय दिया एवं सभी अतिथियों का शब्द पुष्पों से स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्ष विनीता शर्मा का सम्मान शॉल एवं मोती माला से डॉ रमा द्विवेदी एवं सभी सदस्यों द्वारा किया गया।
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कार्यक्रम में उपस्थित सभी रचनाकारों ने विविध विषयों पर स्व सृजित सुंदर-सरस रचनाओं का काव्य पाठ करके वातावरण को मनमोहक बना दिया। सर्वप्रथम डॉ सुषमा देवी ने स्त्री मर्म को उकेरती रचना प्रस्तुत की। वही प्रियंका पाण्डेय ने ‘बी बी सी आंटी, कालोनी लीजेंड’ शीर्षक से हास्यरस की सुन्दर रचना सुनाई। भगवती अग्रवाल की रचनाओं में ‘खुशियों की खोज’ और सुन्दर भजन सुनाया, जिसमें भक्ति और दर्शन की झलकियाँ मिली।
शिल्पी भटनागर ने गज़ल ‘दिन रात में संबंध’ सुरीली मधुर आवाज़ में प्रस्तुति करके समा बांध दिया। डॉ. राशि सिन्हा ने ऑनलाइन जुड़कर अपनी रचनाओं के माध्यम से स्मृतियों तथा प्रेम को समर्पित भाव प्रकट किए। डॉ. संगीता शर्मा ने अपनी रचना में समाज में स्त्री जीवन की स्थिति पर प्रकाश डाला और अपनी नई पुस्तक ‘मखमली धूप की चाहत’ की कविता सुना कर सभी को आनंदित किया।
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सरिता दीक्षित ने सोशल मीडिया के ऊपर हास्य व्यंग्य रचना के साथ शृंगार रस का एक मधुर गीत से श्रोताओं का मनमोह लिया। तकनीकी संयोजिका डॉ स्वाति गुप्ता ने भावपूर्ण सुन्दर गीत का संगीत के मधुर राग में प्रेषित करके वाहवाही लूट ली। डॉ. सुरभि दत्त (कोषाध्यक्ष) की आडिओ रिकॉर्डिंग कविता ‘तुमको’ सभी के द्वारा सुनी गई और सराही भी गई। डॉ. रमा द्विवेदी ने रामकिशोर उपाध्याय (राष्ट्रीय अध्यक्ष/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच,दिल्ली) की ग़ज़ल को तरन्नुम में सुनाकर भावविभोर कर दिया।
तत्पश्चात डॉ. रमा द्विवेदी ने अपने प्रेम पर आधरित दो मुक्तक और हृदय स्पर्शी एक नवगीत ”मैं रहूँ न रहूँ” सुना कर महफ़िल में चार चाँद लगा दिया। किशोरी सुश्री तृशा कुमारी (डॉ सुषमा देवी की बिटिया) ने एक भावपूर्ण सशक्त कविता प्रथम बार इस मंच पर प्रस्तुत करके सभी का मन आकर्षित कर लिया। कार्यक्रम में दीपक दीक्षित, प्रदीप गुप्ता तथा डॉ एस एल द्विवेदी की उपस्थिति बतौर श्रोता के रूप में रही। जिन्होंने कविताओं का आनंद लिया और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियों से कवियों का उत्साहवर्धन भी किया।
उपाध्यक्ष विनीता शर्मा ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आज की काव्यगोष्ठी अत्यंत सफल रही और सभी की रचनाएँ भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी रहीं। उन्होंने अध्यक्षीय काव्यपाठ में अपनी दार्शनिक रचना “रिश्तों में जो जीवन भर दे, ऐसा कोई नहीं मिला” और “हैं अकेले पर अकेलापन नहीं हैं, किन्तु पहले सा हमारा मन नहीं है ” गीत सुनाकर जीवन के उद्देश्य तथा मानवीय सम्बन्धों का सत्य प्रस्तुत करके वातावरण को खुशनुमा बना दिया।
कार्यक्रम का संचालन महासचिव सरिता दीक्षित ने किया तथा डॉ. संगीता शर्मा (मीडिया प्रभारी ) के आभार ज्ञापन से आयोजन समाप्त हुआ। द्विवेदी दम्पति ने सभी अतिथियों का आदर-सत्कार करके हृदय की गहराइयों से आभार ज्ञापित करके अगली बार फिर आने का आश्वासन लेकर सभी को विदा किया।