विनेश फोगाट ने किया रेसलिंग से संन्यास का ऐलान, बोली- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई…” जानिए पूरी कहानी

पेरिस/हैदराबाद: डिस्क्वालिफाई के बाद देश ही नहीं पूरी दुनिया भारतीय रेसलर विनेश फोगाट के साथ खड़ी है। हर कोई उसकी तारीफ कर रहा है। संसद में भी उसके समर्थन में आवाज उठी है। अमेरिकी रेसलर जॉर्डन बरोज ने फोगाट को ब्रांज मेडल देने की मांग कर रहे हैं। जल्द ही इस पर फैसला आने वाला है। ऐसे समय विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया है। पेरिस ओलंपिक में वह 50 किग्रा कैटेगरी के फाइनल में पहुंच गई थीं। लेकिन फाइनल मुकाबले के दिन सुबह उनका वजह 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा था। इसकी वजह से विनेश को इवेंट से ही डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। अब उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर संन्यास का ऐलान कर दिया है।

तीन ओलंपिक में भारत के लिए हिस्सा ले चुकीं विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर संन्यास का ऐलान किया। उन्होंने अपनी मां से माफी मांगते हुए एक्स अकाउंट पर संन्यास की घोषणा की। 29 साल की विनेश ने लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी माफी।”

1994 में जन्मी विनेश फोगाट ने 7 साल की उम्र में ही रेसलिंग शुरू कर दी थी। वह वर्ल्ड रैंकिंग में पहले स्थान तक पहुंच चुकी हैं। 2019 और 2022 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में 53 किग्रा कैटेगरी में विनेश ने ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। 2018 एशियन गेम्स में विनेश ने गोल्ड हासिल किया था। इसके साथ ही विनेश के नाम कॉमनवेल्थ गेम्स में भी 3 गोल्ड हैं। वह एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ दोनों में गोल्ड जीतने वाली भारत की पहली रेसलर हैं।

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विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में कमाल का प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने पहले राउंड में जापान की अजेय रेसलर युई सुसाकी को हराया। इससे पहले सुसाकी अपने 82 मैच के इंटरनेशनल कॅरियर में कोई मुकाबला नहीं हारी थीं। इसके बाद लगातार दो मैच जीतकर उन्होंने फाइनल में जगह बनाई। तब उसका वजन 50 किलोग्राम से कम ही था। अभी तक कोई भी भारतीय महिला रेसलर ओलंपिक के फाइनल में नहीं पहुंच पाई थी। हालांकि दूसरे दिन 100 ग्राम ज्यादा वजन होने की वजह से फोगाट को बाहर कर दिया गया।

दूसरी ओर एक लेखक सुमित ने लिखा है कि विश्व के इतिहास में कई ऐसे मौके आए हैं, जब किसी एक की कुर्बानी से बड़े बदलाव आ गए। चाहे वो राजनीतिक बदलाव हों या नियमों में बदलाव हों या फिर कोई बड़ी क्रांति ही क्यों न हो। जो भी ऐसा बलिदान देता है, उसे तो अपने हालातों से जूझना पड़ता है लेकिन उसके कारण आने वाली दुनिया बदली हुई होती है, बेहतर होती है। कुश्ती के खेल में अगले कुछ सालों में बड़े बदलाव आते हैं तो आने वाली पीढ़ी के रेसलर इसके लिए भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट को धन्यवाद दे सकते हैं क्योंकि विनेश ने कुछ ऐसा खोया है जो रेसलिंग में आने वाले वक्त में क्रांति की वजह बन सकती है।

भारत से हजारों मील दूर पेरिस में बुधवार 7 अगस्त की सुबह जो हुआ, उसने सिर्फ इस देश को ही नहीं, बल्कि रेसलिंग की पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया। करीब 12 घंटे पहले भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट ने इतिहास रच दिया था। वो ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बन गई थीं। भारत का एक मेडल पक्का हो गया था, फिर चाहे वो गोल्ड होता या सिल्वर। बुधवार की सुबह ये ऐतिहासिक उपलब्धि और मेडल की उम्मीदें पूरी तरह हवा में उड़ गईं क्योंकि विनेश को अपने तय वजन से 100 ग्राम ज्यादा पाए गईं और उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया।

रेसलिंग में डिस्क्वालिफिकेशन का मतलब है पूरे मुकाबले से बाहर, जिसमें एक दिन पहले दर्ज की गई जीत भी अमान्य हो जाती हैं, रिकॉर्ड भी रद्द हो जाते हैं और सबसे बड़ी बात- मेडल पक्का होने के बाद भी वो छिन जाता है। विनेश और उनकी टीम को तो ये नियम पता रहे ही होंगे लेकिन उन्होंने और उनके साथ पूरे देश को ऐसी अनहोनी की आशंका भी नहीं रही होगी। फिर भी ऐसा हुआ और इसने भारतीय फैंस को चौंका दिया, उन्हें सकते में डाल दिया। सिर्फ फैंस ही नहीं, बल्कि अलग-अलग खेलों से जुड़े देश के बड़े-बड़े खिलाड़ी और यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर दुख जताया और देश की संसद में भी ये मामला उठा।

अमेरिकी रेसलर ने विनेश को सिल्वर देने की उठाई मांग

इस बीच अमेरिकी रेसलर जॉर्डन बरोज ने विनेश को सिल्वर मेडल देने सहित अंतरराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के नियमों में बदलाव की मांग उठाई है। ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और छह बार के विश्व चैंपियन जॉर्डन बरोज ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दो अलग-अलग पोस्ट शेयर करते हुए विनेश का सपोर्ट किया। उन्होंने पहली पोस्ट में लिखा कि विनेश को सिल्वर मेडल दिया जाए।

वहीं दूसरी पोस्ट में अमेरिकी रेसलर ने लिखा…

  1. दूसरे दिन 1 किलो बढ़े वजन तक की छूट मिले।
  2. वजन-तौल सुबह 8:30 बजे से बढ़ाकर 10:30 बजे हो।
  3. भविष्य के फाइनल में अगर विरोधी फाइनलिस्ट वजन कम करने में चूक जाता है तो उसकी हार घोषित हो।
  4. सेमीफाइनल में जीत के बाद, दोनों फाइनलिस्ट के मेडल सुरक्षित हों, भले ही दूसरे दिन वजन कम करने में चूक जाएं। गोल्ड मेडल केवल वही पहलवान जीत सकता है जो दूसरे दिन वजन कम रखता है।
  5. विनेश को सिल्वर मेडल दिया जाए।

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