हैदराबाद : दक्षिण में हिंदी का एक ध्वज-वाहक डेली हिंदी मिलाप के संपादक विनयवीर जी चिरनिद्रा में सो गये। श्री विनयवीर जी अपनी विरासत में मिली हिंदी पत्रकारिता के माध्यम से हिंदी की सेवा में सदा लीन रहे। आर्यसमाज के प्रभाव के कारण एवं पारिवारिक वातावरण के प्रभाव में डेली हिंदी मिलाप पत्र के माध्यम से सम्पूर्ण हिंदी भाषी एवं हिंदी प्रेमी को एकजुट करने का कार्य करते रहे हैं।
कादम्बिनी क्लब की अध्यक्षा डॉ अहिल्या मिश्र ने उनके कार्य के प्रति समर्पण, निष्ठा और सिद्धान्तवादिता के साथ उनका हिंदी साहित्य एवं साहित्य कोष के प्रति स्नेह का उल्लेख करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। साथ ही, हिंदीसेवी, हिन्दीपत्रकारिता एवं हिंदी प्रचार प्रसार के दिशा में इसे अपूरणीय क्षति बताया है। श्रीमती मीना मुथा, डॉ रमा द्विवेदी, प्रवीण प्रणव, डॉ आशा मिश्रा, शिल्पी भटनागर, आर्या झा, डॉ राशि सिन्हा, मोहिनी गुप्ता, दर्शन सिंह तृप्ति मिश्रा, सी पी दायमा, जी परमेश्वर, देवाप्रसाद मायला आदि ने भी श्रद्धायुक्त नमन कर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी।
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पण्डित गंगाराम स्मारक मंच की श्रद्धांजलि
पण्डित गंगाराम स्मारक मंच के अध्यक्ष भक्तराम ने हिन्दी मिलाप के सम्पादक विनयवीर जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि हैदराबाद मुक्ति संग्राम के वरिष्ठ नेता महात्मा आनन्द स्वामी जी के पोते और दक्षिण भारत में हिन्दी मिलाप के संस्थापक युद्धवीर जी के सुपुत्र और हिन्दी मिलाप के सम्पादक विनयवीर जी का अचानक चला जाना दक्षिण भारत में हिन्दी के लिए क्षति है। परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शान्ति दें और परिवार को इस घड़ी में सहने धैर्य प्रदान करें।
कहानीकार एन आर श्याम की श्रद्धांजलि
विनय वीर जी का जाना बहुत ही दुःखद. दक्षिण के हिंदी पत्रकारिता जगत ने अपनी एक अमूल्य निधि को खो दिया है। दक्षिण भारत में हिंदी को समृद्धिता दिलाने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जायेगा। हिंदी साहित्य जगत को हमेशा उनकी कमी खलती रहेगी। भावभीनी श्रद्धांजलि।
वाजा तेलंगाना की सदस्य सुजाता की श्रद्धांजलि
विनयवीर जी का जाना सम्पूर्ण हिन्दी पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ओम शांति।
अंतिम संस्कार
गौरतलब है कि जुबली हिल्स स्थित महाप्रस्थानम में विनयवीरजी का रविवार को अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर दिवंगत संपादक के परिजन और मिलाप के कर्मचारी और अन्य बड़ी संख्या में मौजूद थे।