हैदराबाद : केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने तेलंगान और आंध्र प्रदेश में कुछ महीनों से चल रहे वॉटर वार का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना द्वारा लिए गये फैसलों के कारण ही ट्रिब्यूनल के गठन में देरी हो रही है। शेखावत ने मीडिया से यह बात कही।
मंत्री ने आगे कहा कि एक प्रेस मीट में सीएम केसीआर ने जानबूझकर मेरे नाम का उल्लेख किया है। इसलिए मुझे जवाब देना पड़ रहा है। सच में देखा जाये उस विषय से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। केसीआर जानबूझकर केंद्र सरकार को बदनाम कर रहे हैं। दोनों मुख्यमंत्री के सहमति के बाद ही ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा।
शेखावत ने कहा कि 2020 में शीर्ष परिषद की बैठक हुई थी। तब केसीआर ने कहा था कि 6 अक्टूबर 2020 को सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को दो दिन में वापस लिया जाएगा। मगर 8 महीने बाद मामले को वापस लिया गया। एक महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका को वापस लेने की अनुमति दी थी। अब हमने काम शुरू कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केसीआर की वजह से इतनी देरी हुई है। केसीआर के कारण ट्रिब्यूनल का मामला आगे नहीं बढ़ रहा है। यह कहना गलत है कि सात साल तक केंद्र सरकार इस विषय को लेकर कोई काम नहीं किया। सवाल किया कि तेलंगाना सरकार की देरी के लिए हमें कैसे जिम्मेदार ठहराया जाता है। केसीआर के शब्द लोकतंत्र को बदनाम करने वाले हैं। केसीआर एक जिम्मेदार पद पर है। इस तरह से बातें करना अच्छी प्रथा नहीं है। सुझाव दिया कि कुछ भी बोलने से पहले एक बार सोचकर बोलें।
मंत्री शेखावत ने कहा कि दोनों सरकारों को सक्रिय रहकर बोर्डों के साथ मिलकर काम करना चाहिए। इस तरह बार-बार विवाद खड़ा करना ठीक नहीं है। नये ट्रिब्यूनल के लिए प्रयास शुरू कर दिये गये हैं और कानूनी राय के लिए न्याय विभाग को पत्र लिखा है। नया ट्रिब्यूनल स्थापित करना या पुराने के साथ जारी रखना है इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। बिजली परियोजनाओं के प्रबंधन को लेकर कोई भ्रम नहीं है। अधिसूचना में पूरी तरह से स्पष्ट है।