హైదరాబాద్: టర్కీ, సిరియాలో సోమవారం తెల్లవారుజామున 4.17 గంటలకు భూకంపం సంభవించింది. రిక్టర్ స్కేలుపై 7.8గా నమోదైన భూకంపం కేంద్రం నుంచి వందల మైళ్ల దూరంలో నమోదైంది. భూకంపం పెను విధ్వంసం సృష్టించింది. చాలా భవనాలు కూలిపోయాయి. ఇంకా చాలా మంది శిథిలాలలో చిక్కుకున్నారు. విధ్వంసక భూకంపం కారణంగా 8000 మందికి పైగా ప్రాణాలు కోల్పోయారు.
हैदराबाद: तुर्की और सीरिया में सोमवार सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए। भूकंप 7.8 तीव्रता के ये झटके के केंद्र से कई सौ मील दूर तक महसूस किए गए। भूकंप से भारी तबाई हुई हैं। कई इमारतों धराशई हो गईं। अब भी अनेक लोग मलबें फंसे हैं।
वहीं इस विनाशकारी भूकंप के चलते 8000 से ज्यादा लोगों की जानें चली गई हैं। एक के बाद आए एक झटकों ने कई जिंदगियां छीन ली हैं। हर तरफ चीख-पुकार और मलबों के बीच अपनों को खोजते मासूम चेहरे हैं। इस बीच विशेषज्ञ ने बताया कि भूकंप के चलते तुर्की 10 फीट तक खिसक गया है।
इटली के भूकंप विज्ञानी डॉ. कार्लो डोग्लियोनी ने आगे बताया कि सीरिया की तुलना में तुर्की की टेक्टोनिक प्लेट्स 5 से 6 मीटर तक खिसक सकती है। उन्होंने आगे बताया कि तुर्की कई मेन फॉल्टलाइन पर स्थित है। यह एनाटोलियन प्लेट, अरेबियन प्लेट और यूरेशियाई प्लेट से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि यहां भूकंप आने का खतरा सबसे अधिक रहता है। वहां के मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एनाटोलियन प्लेट और अरैबियन प्लेटके बीच की 225 किलोमीटर की फॉल्टलाइन टूट गई है।
दूसरी ओर डरहम यूनिवर्सिटी के स्ट्रक्चरल जियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. बॉब होल्डवर्थ ने कहा कि भूकंप की तीव्रता को देखते हुए टेक्टोनिक प्लेट का शिफ्ट होना तर्कससंगत कहा जा सकता है। असल में भूकंप की तीव्रता और टेक्टोनिक प्लेट्स के खिसकने के बीच सीधा संबंध है।
इसी क्रम में भारत सरकार ने सहायता के लिए आगे आया है। विशेष बल तुर्की के लिए रवाना हुआ है। दुनिया के अनेक देश भी मदद कार्य में जुट गये हैं। (एजेंसियां)