हैदराबाद: तुर्की में बार-बार भूंकप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। अब तक दर्ज तीन बड़े भूकंपों में 4500 से अधिक लोगों की मौत हो गई। अब भी अनेक लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। जबकि 18000 लोग घायल हो गये। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनुमान लगाया गया है कि 20 हजार से अधिक लोगों की मौत होने की आशंका है। एक सरकारी कार्यालय पूरी तरह से धस्त हो गया है। इसके चलते कार्यालय में कार्यरत 1444 कर्मचारियों की मौत हो गई। पूरे अस्पताल घायलों से भर गये है।
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नवीतम आये भूकंप की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 6 मापी गई है। ये झटके पांच बजकर 32 मिनट पर महसूस किए गए इससे पहले भारतीय समयानुसार 3.54 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। जिसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7.5 मापी गई। उसका केंद्र अंकारा से 427 किलोमीटर दूर जमीन से 10 किमी अंदर था। प्रारंभिक भूकंप के बाद 50 से अधिक आफ्टरशॉक्स आए, जिसमें 7.5-तीव्रता का झटका भी शामिल है।
इसी क्रम में तुर्की की एक समाचार एजेंसी ने देश की आपदा एजेंसी का हवाला देते हुए रिपोर्ट दी कि दक्षिणी तुर्की में कहारनमारास प्रांत के एलबिस्तान जिले में 7.6 तीव्रता का एक और ताजा भूकंप आया है। इसका असर सीरिया के दमिश्क, लताकिया अन्य सीरियाई प्रांतों में भी महसूस किया गया। इससे पहले सुबह छह बजकर 58 मिनट पर आए भूकंप के झटकों से तुर्की और सीरिया में 2300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों इमारतें जमीदोज हो गईं और हजारों लोग घायल हुए हैं। ऐसे में कुछ ही घंटों बाद आए इस दूसरे और फिर तीसरे तेज झटके ने सरकार और प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
पीएम मोदी शोक व्यक्त किया
इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्की और सीरिया में आए भूकंप में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत इस त्रासदी से निपटने में मदद के लिए हरसंभव सहायता देने को तैयार है। भूकंप के कारण हुए जान-माल के नुकसान से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा कि यह जानकर गहरा दुख हुआ कि विनाशकारी भूकंप ने सीरिया को भी प्रभावित किया है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। हम सीरियाई लोगों के दुख को साझा करते हैं और इस कठिन समय में सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जयशंकर ने भी शोक व्यक्त किया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी भूकंप में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया कि तुर्किये में भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान से बहुत व्यथित हूं। इस कठिन समय में अपनी संवेदना और समर्थन से तुर्की के विदेश मंत्री को अवगत कराया। प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने तत्काल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए साउथ ब्लॉक में बैठक की।
तत्काल भेजेगा मदद
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के कहा गया कि राहत सामग्री के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और चिकित्सा दलों को तुर्की गणराज्य की सरकार के समन्वय से तुरंत तुर्की भेजा जाएगा। राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें, विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दस्ते और आवश्यक उपकरण भूकंप प्रभावित क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। दोनों टीमों में 100 कर्मी शामिल हैं। (एजेसियां)