हैदराबाद: ‘यासंगी’ मौसम के धान को केंद्र सरकार ही खरीदने की मांग को लेकर धरना चौक (इंदिरा पार्क) के पास अब से थोड़ी देर में टीआरएस का महाधरना आरंभ होगा। टीआरएस के इस महाधरना में पार्टी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री केसीआर शामिल होंगे। पांच साल पहले केसीआर ने इसी धरना चौक को हटा दिया था। अब वहीं धरना चौक सत्तापक्ष के लिए महाधरना का मंच बन रहा है।
गौरतलब है कि टीआरएस के सत्ता में आने के दो महीने बाद धरना चौक को हटा दिया गया था और नवंबर 2018 में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सरकार के आदेश को खारिज कर दिया था। इस बात को लेकर लोगों में चर्चा है कि केसीआर ने तब धरना चौक का विरोध किया था। अब वही केसीआर धरना चौक में महाधरना करने वाले है।
इसी क्रम में बुधवार को मंत्री हरीश राव, तलासानी श्रीनिवास यादव और अन्य नेताओं ने धरना चौक में व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री गुरुवार को सुबह धरना चौक पहुंचने वाले हैं। महाधरना सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक होगा। मंत्री, सांसद, विधायक, एमएलसी और अन्य नेता महाधरना में शामिल होंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री केसीआर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल राजभवन जाएंगे और राज्यपाल को धान फसल खरीदने और किसानों की अन्य समस्याों के मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे।
शक्ति प्रदर्शन नहीं है महाधरना : टीआरएस
टीआरएस नेताओं ने महाधरना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है। महाधरना का मतलब शक्ति प्रदर्श नहीं है। नेताओं ने कहा, “टीआरएस चाहे सत्ता में रहे या विपक्ष में रहे हमेशा लोगों के साथ रहेगी। 2014 में खम्मम के सात मंडलों को आंध्र प्रदेश में मिला दिया गया था, तब भी हमने तेलंगाना बंद किया था। उसी तरह अब किसानों के लिए महाधरना कर रहे हैं। केंद्र में सत्ता में रही सभी सरकारों ने धान खरीदा था। मगर अब केंद्र की मोदी सरकार उस जिम्मेदारियों से भाग रही है।” इस दौरान नेताओं ने केंद्र सरकार से मांग की कि पंजाब की तरह तेलंगाना में भी अनाज की खरीदी की जाये।