हैदराबाद : तेलंगाना में स्थानीय निकायों के कोटे के तहत हुए एमएलसी चुनाव में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की हवा रही है। मंगलवार को जारी रिजल्ट में सभी छह सीटों पर टीआरएस के उम्मीदवारों की जीते हैं। इस महीने की 10 तारीख को संयुक्त खम्मम, नलगोंडा, करीमनगर, मेदक और आदिलाबाद जिलों में हुए स्थानीय निकाय एमएलसी चुनावों की मंगलवार को वोटों की गिनती शुरू हुई। इन नतीजों में करीमनगर में एल रमणा और भानुप्रसाद राव जीत गये हैं। खम्मम में ताता मधु, नलगोंडा में एमसी कोटि रेड्डी, मेदक में ओटेरू यादव रेड्डी और आदिलाबाद में दंडे विट्ठल ने जीत हासिल की हैं।
संयुक्त करीमनगर जिले में 1,324 वोटों के मुकाबले 1,320 वोट पड़े थे। इनमें से टीआरएस उम्मीदवार टी भानु प्रसाद राव को 584 वोट और एल रमणा को 479 वोट मिले हैं। जबकि बागी उम्मीदवार सरदार रविंदर सिंह को पहली वरीयता में 231 वोट मिले, इनमें 17 वोट अमान्य रहे हैं। आदिलाबाद जिले में टीआरएस प्रत्याशी दंडे विट्ठल ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की। वहां कुल 860 वोट डाले गये। अधिकारियों ने 810 वोटों को वैध पाया है। टीआरएस उम्मीदवार को 738 वोट मिले, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार पेंडूरी पुष्परानी को 74 वोट मिले हैं। इसके चलते सत्ताधारी टीआरएस की जोरदार जीत हुई है।
मेदक जिले में भी टीआरएस की बड़ी सफलता मिली है। टीआरएस उम्मीदवार यादव रेड्डी को 762 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार निर्मला जग्गा रेड्डी को 238 वोट मिले हैं। नलगोंडा से टीआरएस उम्मीदवार एमसी कोटि रेड्डी ने चुनाव जीता है। कोटि रेड्डी को पहली वरियता के तौर पर 917 वोट मिले, जबकि निर्दलीय प्रत्याशी नगेश को 226 वोट मिले हैं। इसके चलते कोटि रेड्डी की जीत हुई है। खम्मम में भी कार की हवा चली है। टीआरएस के उम्मीदवार ताता मधु को 486 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 239 वोट मिले। इससे मधु को विजय घोषित किया गया।
आपको बता दें कि स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव का मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। 6 सीटों पर कुल 95 फीसदी मतदान हुआ। करीमनगर में सबसे अधिक 99.69 फीसदी और आदिलाबाद में सबसे कम 91.78 फीसदी मतदान हुआ। आदिलाबाद में 77 लोग स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों ने मतदान में भाग नहीं लिया। नलगोंडा में 38, खम्मम में 30, मेदक में 8 और करीमनगर में 4 लोगों ने मतदान नहीं किया। मतदान के आखिर तीन घंटे में सबसे ज्यादा मतदान हुआ।
सर्वसम्मति के 6 सीटों को छोड़कर खम्मम, आदिलाबाद, मेदक और नलगोंडा की एक-एक और करीमनगर की दो सीटों पर मतदान हुआ। पांच जिलों के 5,326 मतदाताओं के लिए 37 मतदान केंद्र बनाये गये थे। शिविरों में रखे गये टीआरएस के सभी मतदाताओं को एक ही बार बसों में मतदान केंद्र आ गये। उसके बाद ही मतदान में बढ़ोत्तरी हुई। पता चला है कि तीन जगहों पर क्रॉस वोटिंग हुई हैं। सीएम केसीआर ने प्रगति भवन से समय-समय पर मतदान की निगरानी की।
क्रॉस वोटिंग पर लगाम
मंत्री, सांसद और विधायकों को बार-बार फोन कर अलर्ट किया गया। समय-समय पर क्रॉस वोटिंग पर लगाम लगाने की सलाह दी गई। हालांकि करीमनगर, आदिलाबाद और खम्मम जिलों में स्थानीय निकायों के चुनावों में कथित तौर पर क्रॉस वोटिंग होने की खबर है। दरअसल इस क्रॉस वोटिंग के डर से ही अधिसूचना जारी होते ही टीआरएस के शिविर शुरू हो गये थे।
फोन भी नहीं करने दिया गया
मतदाताओं को अनेक राज्यों में 20 दिन से अधिक समय तक रिसार्ट और होटलों में रखा गया। मतदान के दो दिन पहले ही सभी को हैदराबाद के नजदीकी रिसार्ट में लाया गया। शुक्रवार को मंत्री, सांसद, विधायक और एमएलसी को सीधे मतदान केंद्रों के लिए बसों में ले गये। मतदाताओं को फोन पर किसी से भी बातचीत करने नहीं दिया गया। आखिर तक मतदाताओं की रखवाली की गई।
केसीआर ने नहीं डाला वोट
स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में सीएम केसीआर समेत कई सांसद और विधायकों ने वोट नहीं डाला। गज्वेल विधायक मुख्यमंत्री केसीआर ने मेदक में अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया। पूर्व मंत्री, हुजूराबाद के भाजपा विधायक ईटेला राजेंदर ने वोट देने का अधिकार नहीं होने के चलते वोट नहीं दिया। टीआरएस छोड़ने के बाद ईटेला के विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया। स्थानीय निकाय एमएलसी मतदाता सूची की घोषणा होने तक वह फिर से जीत नहीं पाये। इनके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और करीमनगर के सांसद बंडी संजय, आदिलाबाद के सांसद सोयम बापुराव और नलगोंडा के कांग्रेस सांसद उत्तम कुमार रेड्डी भी मतदान से दूर रहे। विधायक कोमटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी ने भी मतदान नहीं किया। भुवनगिरी के कांग्रेस के सांसद कोमटीरेड्डी वेंकट रेड्डी नलगोंडा में वोट देने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि उन्होंने इब्राहिमपट्टनम में नगरपालिका चुनाव में एक पदेन सदस्य के रूप में पंजीकरण कराया है।