हैदराबाद: संसद की मौजूदगी में एक दुर्लभ घटना घटी है। कई दिनों के बाद टीआरएस और कांग्रेस एक जगह पर जमा हुई है। विपक्षी दलों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। मानसून संसद सत्र के तीसरे दिन बुधवार को कई विपक्षी दलों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि और जीएसटी वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक सांसद और राकांपा सांसदों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने गैस सिलेंडर, दूध के पैकेट व अन्य जरूरत का सामान जमीन पर रख कर विरोध प्रदर्शन किया। मूल्य वृद्धि के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
#WATCH Opposition MPs protest in Parliament against the Central government over inflation and recent GST hike on some essential items pic.twitter.com/rgpYrHjlZo
— ANI (@ANI) July 20, 2022
इसी क्रम में संसद के पास इस प्रदर्शन (आंदोलन) में टीआरएस सांसदों (TRS) की भागीदारी अब राजनीतिक हलकों में खासकर तेलुगु राज्यों में चर्चा का विषय बन गया है। क्योंकि इस विरोध प्रदर्शनों में कांग्रेस के साथ टीआरएस का मंच साझा करना है। विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी के बाजू में टीआरएस सांसद के केशव राव (Kesava Rao) मौजूद थे। महबूबाबाद टीआरएस सांसद कविता और एक अन्य सांसद नामा नागेश्वर राव ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। इस दृश्य ने तेलुगु राज्यों में हड़कंप मचा दिया है।
यह ज्ञातव्य है कि विपक्ष के संयुक्त राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार फैसले के समय ममता की बैठक से टीआरएस दूर रही थी। इस टीआरएस ने स्पष्टीकर दिया कि उनकी पार्टी इस बैठक में इसलिए शामिल नहीं हुई क्योंकि वे कांग्रेस के साथ मंच साझा नहीं करना चाहते थे। उसके बाद शरद पवार ने कहा कि टीआरएस ने यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का आश्वासन दिया है। लेकिन अब टीआरएस सांसद विपक्ष के विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के साथ मंच साझा करना चर्चा का विषय बन गया है।
Delhi | Congress MPs Mallikarjun Kharge & Adhir Ranjan Chowdhury join the Joint Opposition protest in front of the Mahatma Gandhi statue in Parliament on the issues of price rise and inflation, on the third day of the Monsoon session pic.twitter.com/z2OcRAILEv
— ANI (@ANI) July 20, 2022
हालांकि, तेलंगाना भाजपा जोरदार तर्क दे रही है कि कांग्रेस और टीआरएस पार्टियां सहयोगी हैं। इन आरोपों की पृष्ठभूमि में टीआरएस पार्टी किसी ऐसे किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई जिसमें कांग्रेस ने हिस्सा लिया। हाल ही में हुए विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार के चयन के समय भी टीआरएस दूर रही। अब सीधे विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेकर बीजेपी को एक और हथियार मिल गया है। अब आगे देखते हैं टीआरएस और कांग्रेस इसका सामना कैसे करते हैं।