हैदराबाद : टीपीसीसी किसान प्रकोष्ठ के नेतृत्व सोमवार को एर्रवेल्ली गांव में ‘किसानों के साथ ‘रच्चबंडा’ (जनसभा) किया जाएगा। धान (अनाज) खरीदी की समस्या के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से अपनाई जा रही किसान विरोधी नीतियों की रच्चबंडा में ‘पोस्टमार्टम’ किया जाएगा। रच्चबंडा कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी समेत पार्टी के प्रमुख नेता शामिल होंगे।
कल, रविवार को सुबह रच्चबंडा कार्यक्रम की तैयारी का जायजा लेने एर्रवेल्ली गांव गए कांग्रेसी नेताओं को स्थानीय टीआरएस नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। इसके चलते वहां तनाव पैदा होने पर पुलिस ने हस्तक्षेप किया। इस इसके कारण एर्रवेल्ली में रच्चबंडा कार्यक्रम को लेकर तनाव की स्थिति बनी है।
टीपीसीसी प्रमुख रेवंत रेड्डी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम केसीआर पर जमकर निशाना साधा। आरोप लगाया कि राज्य और केंद्र सरकारें मानव रूपी जानवर बन गए हैं। कथित तौर पर नैतिक बाहरी राजनीति कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी की सरकार कॉरपोरेट कंपनियों के अधीन कार्य कर रही है। जबकि केसीआर की सरकार जन विरोधी हो गई हैं।
रविवार को रेवंत ने मीडिया से आगे कहा कि केंद्र ने कृषि काले कानून ले आकर किसानों के अधिकारों का हनन किया है। उत्तर भारत में चुनाव के चलते कृषि कानून को वापस लिया है। अब फिर से कृषि कानून लाने की कोशिश की जा रही है। केंद्रीय मंत्री तोमर की टिप्पणी से यह स्पष्ट हो रहा है। मांग की कि यदि मोदी फिर से सरकार कृषि कानून को लेकर आती है तो टीआरएस किस पक्ष में रहती है स्पष्ट करें।
उन्होंने कहा कि हाल ही में तेलंगाना में केटीआर और टीआरएस नेताओं ने कृषि काले कानूनों के खिलाफ किये गये किसान आंदोलन में भाग लिया। लेकिन मुख्यमंत्री ने दिल्ली में किसान आंदोलन को समर्थन करने की हिम्मत नहीं हुई है। केसीआर ने ऐलान किया है कि वह दिल्ली आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों को तीन-तीन लाख रुपये का मुआवजा देंगे। मीडिया में इसका खूब प्रचार किया गया। मगर अब तक किसानों को एक पैसा भी नहीं दिया है। एक सप्ताह तक दिल्ली में रहे तेलंगाना के मंत्री और सांसदों ने शहीद किसान परिवारों का विवरण प्राप्त करने की कोशिश तक नहीं की है।
रेवंत रेड्डी ने आह्वान किया कि यासंगी में चावल जरूर लगाएं। मुख्यमंत्री कैसे खरीदी नहीं करता है देखा जाएगा। धान की खरीदी नहीं करने वाले व्यक्ति मुख्यमंत्री कुर्सी पर कैसे बैठता है देखा जाएगा। अगर धान नहीं खरीदता है तो टीआरएस सरकार को दफनाया जाएगा। वोट मांगने के लिए गांव में आने वाले टीआरएस के मंत्री और विधायकों को चप्पलों से मारो।
रेवंत ने कहा कि किसानों को धान की फसल नहीं करने की चेतावनी देने वाले केसीआर ने मात्र अपने 150 एकड़ में धान की फसल की और कर रहे हैं। इसका मतलब केसीआर की खेती हरी-भरी रहे। किसानों की भूमि बंजर हो जाये। इस दौरान रेवंत रेड्डी ने केसीआर के खेत में किये जा रहे धान फसल के नवीनतम फोटो भी मीडिया को दिखाये। सोमवार को मीडिया को केसीआर की खेती को देखने के लिए आने को कहा है।