हैदराबाद: माओवादी उत्तरी तेलंगाना में अपनी स्थिति फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। उत्तरी तेलंगाना कभी माओवादियों का गढ़ था। दो साल से ठप पड़ा माओवादी हलचल अब प्रशासन के लिए चिंता पैदा कर रहे हैं। पुलिस को सूचना मिली कि सत्तापक्ष के नेताओं को निशाना बनाकर माओवादी रेकी कर रहे है।
केंद्रीय खुफिया एजेंसियां भी पिछले कुछ समय से चेतावनी देते आ रहे हैं कि उत्तरी तेलंगाना में माओवादी गतिविधियां बढ़ रही हैं। पिछले महीने की 19 तारीख को माओवादियों ने मुलुगु जिले के ताड़वाई मंडल के जंगलों में एक विशाल सभा का आयोजन किया था। लेकिन पुलिस ने इसे नाकाम कर दिया। हालांकि इस घटना में नक्सली भाग निकले। मगर पुलिस ने कहा कि अहम जानकारी मिली है।
इस बीच, माओवादी पार्टी के कोत्तागुडेम जिले के चर्ला दल कमांडर रजिता उर्फ मडकम कोसी को पुलिस ने बुधवार को हिरासत में ले लिया है। उसके साथ दल के चार अन्य सदस्यों को तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के जंगलों में हिरासत में लिया है। दुम्मुगुडेम मंडल के मुलकानपल्ली गांव निवासी रजिता माओवादी पार्टी के चर्ला दल कमांडर के रूप में कार्यरत हैं।
माओवादी के एक सदस्य के नाम से जारी एक पत्र में कहा गया है कि माओवादी के नेता बड़े चोक्काराव उर्फ दामोदर की पत्नी रजिता को बुधवार को सुबह पुलिस ने हिरासत में लिया है। कोत्तागुडेम और अल्लूरी सीतारामराजू जिले के जिला समिति के सदस्य आजाद के नाम से जारी एक पत्र में कहा गया है कि तेलंगाना और छत्तीसगढ़ पुलिस ने संयुक्त रूप से बुधवार सुबह दोकुपाडु, कुर्नपल्ली और कूनवाई गांवों में छापेमारी की और बीमार रजिता और दल के चार अन्य सदस्यों को गिरफ्तरा किया।
पत्र में मांग की कि गिरफ्तार माओवादियों को तुरंत अदालत में पेश किया जाए। साथ ही चेतावनी दी कि गिरफ्तार माओवादियों को जान से खिलवाड़ न करें। यदि ऐसा कुछ होता है तो इसके लिए पुलिस जिम्मेदार होंगे। इसकी कीमत सत्ता पक्ष के नेताओं को चुकानी पड़ेगी।
इस बीच रजिता के माता-पिता ने कहा कि पुलिस ने उनकी बेटी मडकम कोसी को हिरासत में लिया है। नागरिक अधिकार संगठन ने यह भी मांग की है कि गिरफ्तार रजिता को अदालत में पेश किया जाये। नागरिक अधिकार संगठन के अध्यक्ष गड्डम लक्ष्मण और महासचिव नारायण राव ने मांग की कि रजिता को बिना हानी पहुंचाये अदालत में पेश किया जाये।