हैदराबाद: अंतर्राष्ट्रीय जैन साहित्य संगम का प्रथम त्रिदिवसीय अधिवेशन लोढ़ा धाम मुंबई में संपन्न हुआ। इस अधिवेशन में मुख्य अतिथि कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत की गरिमामय उपस्थिति रही है। इस मंगलमयी अवसर पर महाराष्ट्र शासन में मंत्री मंगल प्रभात लोढा, जैन साहित्य संगम की अंतरराष्ट्रीय अध्यक्षा डॉ. मंजू लोढा, डॉ. लोकेश मुनि एवं भारत गौरव श्रद्धेय देवेंद्र ब्रह्मचारी की मौजूदगी मुख्य रही हैं। हैदराबाद से कवयित्री व लेखिका हर्षलता दुधोड़िया तथा अशोक दोशी ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया और संबोधित किया।

जैन साहित्य संगम की अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मंजू लोढ़ा के दिशा निर्देशन में तथा जैन साहित्य संगम के अध्यक्ष जगदीप “हर्षदर्शी” व महामंत्री मनोज “मनोकामना” के नेतृत्व में यह अधिवेशन ऐतिहासिक बन गया। इस अधिवेशन में बड़ी संख्या में जैन कवि, साहित्यकार, विद्वान तथा कला प्रेमी मंच पर एकत्रित हुए। साथ ही अनेक प्रकार की गतिविधियां चली। जिसमें प्रथम दिन जैन जिनालय दर्शन तथा रात्रि में भजन का प्रोग्राम रहा है।
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मधुर गायक पर्यावरण प्रेमी विराग मधु मालती ने अपने मधुर भक्तिमय भावपूर्ण भजनों से सभी का मन मोह लिया। दूसरे दिन अलग-अलग शाखाओं के द्वारा सांस्कृतिक प्रोग्राम का मंचन किया गया। सभी प्रस्तुतियां बहुत मनमोहक रही है। रात्रि कालीन कवि सम्मेलन में विभिन्न शहरों से आए कवि भाइयों और कवित्री बहनों ने एक से बढ़कर अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। तीसरे दिन प्रबुद्ध जैन वक्ताओं द्वारा विभिन्न विषयों पर सारगर्भित वक्तव्य हुआ।

मंजू लोढा ने अधिवेशन में पधारे सभी महानुभावों को विशिष्ट उपहार देकर सम्मानित किया। जिसमें उनकी लिखी पुस्तक भी शामिल थी। “निर्मल मन में होता है भगवान का वास।” अपने उत्कृष्ट कार्यों द्वारा जैन साहित्य संगम की गरिमा को बढ़ाने वाले कवि श्रेष्ठीवरों को विशिष्ट रूप से सम्मानित किया गया। अंत में उन सभी महानुभावों के लिए आभार प्रकट किया गया। जिन्होंने अधिवेशन में तन- मन-धन से सहयोग किया। अपना कीमती समय दिया।