हैदराबाद : तेलंगाना हाईकोर्ट की खंडपीठ मुख्य सचिव सोमेश कुमार पर गंभीर नाराज हो गई। नाराज ही नहीं, बल्कि सचिव पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने जुर्माना राशि को प्रधानमंत्री के कोरोना राहत कोष में जमा किये जाने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट चार साल तक जवाबी हलफनामा दाखिल करने में लापरवाही बरतने और व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिए जाने के बावजूद मुख्यसचिव उपस्थित न होने से नाराज हो गई। अगली सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि तेलंगाना सरकार की ओर से कृषि और सिंचाई परियोजनाओं के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण के लिए 2016 में राजस्व सचिव द्वारा एक आदेश जारी किया गया था। आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई के दौरान बुधवार को कोर्ट ने यह आदेश दिया है। इससे पहले कई बार इन याचिकाओं पर सुनवाई हो चुकी है। अदालत ने निर्देश दिया है कि सरकार स्पष्टीकरण के लिए जवाबी हलफनामा दायर करे। मगर सरकार की ओर से हलफनामा दायर नहीं किया गया। चार साल से ऐसे ही चला आ रहा है। इसके चलते हाईकोर्ट मुख्य सचिव पर गंभीर रूप से नाराज हो गई। कोर्ट ने कहा कि चार साल से मुख्य सचिव व्यक्तिगत रूप से हाजिर नहीं हुए। इतना ही नहीं व्यक्तिगत रूप से छूट देने के लिए याचिका भी दायर नहीं की है।
हाईकोर्ट ने कहा कि पिछले महीने सुनवाई के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि मुख्य सचिव जवाबी हलफनामा दाखिल करे। यदि संभव नहीं हुआ तो राजस्व विभाग के प्रधान सचिव को कोर्ट में हाजिर हो। तेलंगाना सरकार ये दोनों भी नहीं कर पाई। इन सब परिणामों को देखते हुए कोर्ट ने मुख्य सचिव को 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को 24 जनवरी को अदालत पेश होने का आदेश देते हुए सुनवाई को स्थगित कर दिया।