हैदराबाद: तेलंगाना सरकार ने खरीफ धान के भंडारण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। केसीआर सरकार अब मिल मालिकों पर भारतीय खाद्य निगम को समय पर कस्टम मिल्ड चावल की आपूर्ति के लिए नागरिक आपूर्ति विभाग ने कई बिंदुओं पर पहल किया है। सरकार ने इस सीजन में खरीदे जाने वाले धान को चावल के बजाय विभिन्न बिंदुओं पर संग्रहीत करने का निर्णय लिया है।
इसी संदर्भ में नागरिक आपूर्ति मंत्री गंगुला कमलाकर ने तेलंगाना में चावल मिलों की ओर से सीएमआर आपूर्ति में अत्यधिक देरी के मुद्दे की समीक्षा के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला प्रबंधक के साथ बैठक की।
इस दौरान अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि सीएमआर की आपूर्ति में देरी से विभाग को 2019-20 और 2020-21 सीज़न के लिए 700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई थी। ऐसा इसलिए हुआ कि दो सालों से लगभग दो लाख टन सीएमआर बकाया था। इसी बीच 2021-22 से संबंधित सीएमआर की एक समान मात्रा भी मिल मालिकों से देय थी। मगर एफसीआई द्वारा इसकी आपूर्ति के लिए निर्धारित विस्तारित समय सीमा 31 अगस्त को समाप्त हो गई थी। ऐसे समय में तेलंगाना सरकार ने केंद्रीय एजेंसी से बकाया की आपूर्ति के लिए एक और महीने की छूट समय का अनुरोध किया। लेकिन कोई जवाब नहीं आया।
इस विषय को लेकर नागरिक आपूर्ति विभाग के आधिकारियों ने कहा कि सरकार इस नतीजे पर पहुंची है कि कुछ मिल मालिक विभाग को एफसीआई के सामने रखने के लिए जानबूझकर सीएमआर की आपूर्ति में देरी कर रहे हैं। ऐसे में इस साल खरीफ विपणन सीजन में खरीदे जाने वाले धान को चावल मिलों के अलावा अन्य भंडारण बिंदुओं पर स्टोर करने का निर्णय लिया गया है। यह फैसला मिल मालिकों पर समय पर सीएमआर आपूर्ति करने के लिए किया गया है। (एजेंसियां)