तेलंगाना की राजनीति गरमा गई है। बीआरएस से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे प्रमुख नेता और वर्तमान विधायक गहरे असंतोष की आग में जल रहे हैं। सीएम केसीआर, मंत्री हरीश राव और एमएलसी कल्वाकुंट्ला कविता इतने दिनों तक उन असुंतष्ठ नेताओं को शांत करने के प्रयासों में अब तक तक सफल नहीं हुए हैं। इसके साथ ही अमेरिका दौरे से आए मंत्री केटीआर मैदान में उतरे। जो भी बगावत कर रहे है, उन्हें फोन कर बात करने की कोशिश कर रहे हैं।
पता चला है कि कईं नेताओं को अपने आवास पर बुलाकर उनसे बात कर चुके हैं। कुछ असंतुष्ट लोगों को खुश किया गया और इस वादे के साथ भेजा गया कि सत्ता में आने के बाद उन्हें उचित प्राथमिकता दी जाएगी। चर्चा है कि मंत्री केटीआर ने जनगांव टिकट के मुद्दे पर विशेष फोकस किया है।
सीएम केसीआर ने एक साथ 115 उम्मीदवारों की घोषणा की, लेकिन चार निर्वाचन क्षेत्र अभी भी लंबित हैं। उन चार में से एक जनगांव निर्वाचन क्षेत्र है। यहां मौजूदा विधायक मुत्तिरेड्डी यादगिरी रेड्डी केसीआर और केटीआर के करीबी पल्ला राजेश्वर रेड्डी टिकट के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इनके साथ ही एमएलसी पोचमपल्ली श्रीनिवास रेड्डी, पूर्व एमएलसी नागपुरी राजलिंगम के बेटे नागपुरी किरण कुमार गौड़ भी टिकट की उम्मीद कर रहे हैं।
इसके चलते यह निर्वाचन क्षेत्र हॉट सीट बन गया है। इस निर्वाचन क्षेत्र का टिकट किसे दिया जाए इस सोच में पड़े सीएम केसीआर ने हालात को समझने के लिए कुछ दिनों के लिए रोक दिया। इसी अंतराल में पल्ला राजेश्वर रेड्डी और मुत्ती रेड्डी लोगों के बीच जाकर चुनाव प्रचार शुरू कर रहे हैं। ये दोनों नेता एक दूसरे की आलोचना कर ले रहे हैं। लेकिन अमेरिका से केटीआर के आने से जनगांव टिकट किसी एक को देने के बारे में सोच रहे है। पता चला है कि इन दोनों को पहले ही अलग-अलग बुलाकर बातचीत कर चुके है।
इस पर चर्चा करते हुए, एमएलसी पल्ला राजेश्वर रेड्डी के रिश्तेदारों ने जनगांव मंडल के निडिगोंडा में कल्याण मंडपम में एक गुप्त बैठक की। इस कार्यक्रम में नरमेट्टा, तरिगोप्पुला और बच्चन्नापेट मंडलों से बड़ी संख्या में बीआरएस के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। बैठक में भाग लेने के लिए हैदराबाद से निकल पड़े पल्ला राजेश्वर रेड्डी बीच रास्ते पर थे, तब मंत्री केटीआर को इस विशेष बैठक के बारे में पता चला तो वे भड़क गए और केटीआर ने तुरंत पल्ला राजेश्वर रेड्डी को फोन किया और बैठक में शामिल न होने की कड़ी चेतावनी दी।
केटीआर ने फोन पर अधीरता से बात की कि यह तरीका क्या है? ऐसा करने का कोई कारण नहीं है? पल्ला राजेश्वर रेड्डी के पास करने और कहने को कुछ नहीं था। इसीलिए मीटिंग में नहीं गए। पहले बैठक में आने के लिए कहे, फिर नहीं आ सकता हूं कहने का क्या मतलब है। कहकर बीआरएस कार्यकर्ता और अनुयायी पल्ला राजेश्वर से बेहद असंतुष्ट और नाराज हो गये। खबर है कि केटीआर ने निर्देश दिया है कि जनगांव उम्मीदवार की घोषणा होने तक न तो पल्ला राजेश्वर रेड्डी और न ही मुत्ती रेड्डी कार्यकर्ताओं और प्रशंसकों के साथ गुप्त बैठकें करेंगे। इस मामले को जानने के बाद टिकट की उम्मीद कर रहे नेता कानाफूसी कर रहे हैं कि जब केसीआर के खास नेताओं का यह हाल है तो उनका क्या हाल होगा।
कुल मिलाकर, केटीआर ने जनगांव समूह की राजनीति पर ध्यान केंद्रित किया है। अंत में पल्ला राजेश्वर रेड्डी और मुत्तिरेड्डी में से किसे टिकट मिलेगा? क्या इन दोनों के अलावा किसी तीसरे व्यक्ति की संभावना है? केटीआर का झुकाव किसकी ओर होगा, यह जानने के लिए हमें कुछ दिन इंतजार करना होगा।