हैदराबाद : तेलंगाना कांग्रेस पार्टी ने प्रचार कार्यक्रम तेज किया है। तेलंगाना में एआईसीसी नेता राहुल गांधी के दौरे के बाद तेलंगाना कांग्रेस में पूरे जोश में है। इसी क्रम में वरंगल सभा में घोषित ‘किसान घोषणापत्र’ (रैतु डिक्लरेशन) को प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के पास ले जाने के लिए आवश्यक रणनीति तैयारी किया है। टीपीसीसी अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने कहा कि इसके लिए 21 मई से 21 जून तक ‘रैतु रच्चबंड’ (किसान मंच) कार्यक्रम करने का फैसला लिया है। कांग्रेस पार्टी के चिंतन शिविर में लिए गये फैसलों को मंजूरी देने और वरंगल घोषणापत्र को जन-जन तक ले जाने जैसे मुद्दों पर फैसला लेने के लिए टीपीसीसी की विस्तृत कार्य समिति की बैठक सोमवार को इंदिरा भवन में हुई है।
रेवंत रेड्डी की अध्यक्षता में हुई बैठक में टीपीसीसी कार्यसमिति के सदस्य, राजनीतिक मामलों के समिति के सदस्य, डीसीसी के अध्यक्ष, अनुबंध संबंधो के अध्यक्ष और अन्य नेताओं ने भाग लिया। इसके बाद रेवंत रेड्डी ने संवाददाता सम्मेलन और कार्यकारी समूह की बैठक को संबोधित किया। तेलंगाना में लगभग 400 पार्टी के प्रमुखों की पहचान की गई है और हर मुख्य नेता कम से कम 40 गांवों में किसान मंच में वरंगल किसान घोषणापत्र के बारे में लोगों को समझायेंगे। कुल 12,000 गांवों में किसान मंच आयोजित किये जाएंगे। 21 मई को मुख्य नेता एक ऐतिहासिक गांव में एक किसान मंच कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
टीपीसीसी अध्यक्ष ने आगे कहा कि वह खुद वरंगल जिले के आचार्य जयशंकर के गृह गांव में होने वाले किसान मंच सभा में हिस्सा लेंगे। इन सभाओं में वरंगल घोषणापत्र की जानकारी के साथ-साथ किसानों की दयनीय स्थिति के लिए टीआरएस सरकार कितनी जिम्मेदार है, इस बारे में लोगों को बताया जाएगा। वरंगल घोषणापत्र को फ्लेक्सी के रूप में हर मतदान केंद्र में प्रदर्शित किये जाएंगे। साथ ही हर परिवार से मिलकर वरंगल घोषणापत्र के बारे में जागरूक किया जाएगा।
रेवंत रेड्डी ने यह भी कहा कि पृथक तेलंगाना गठन के दिन 2 जून को हर गांव में वरंगल किसान घोषणापत्र के बारे में दंडोरा पिटा जाएगा। साथ ही वरंगल किसान घोषणापत्र के फ्लेक्सी को मार्केट यार्ड, आईकेपी केंद्रों, किसान बाजार और केसीआर की ओर से लागू किये शराबों की दुकानों के सामने प्रदर्शित किये जाएंगे। टीपीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि 2 अक्टूबर से एआईसीसी के नेता राहुल गांधी की पदयात्रा तेलंगाना से शुरू करने का कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है। तेलंगाना में की गई डिजिटल सदस्यता और वरंगल घोषणापत्र को तेलंगाना मॉडल के रूप में प्रसिद्ध हुआ है। कांग्रेस के चिंतन शिविर में लिये गये फैसलों को सर्वसम्मति मंजूरी दे दी गई है।
रेवंत ने आरोप लगाया कि उधर केंद्रीय मंत्री अमित शाह और इधर मंत्री केटीआर मिलकर किसान घोषणापत्र को अन्नदाताओं तक पहुंचने से रोकने के लिए गाली गलौज का एजेंडा चुना है। एक राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी वरंगल किसान घोषणापत्र घोषित करती है तो भाजपा और टीआरएस को चाहिए कि उसमें खामियों के बारे में बताये। इसके बजाय एक दूसरे को गाली दे ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि केसीआर की अनियमितताओं में बीजेपी को हिस्सा मिल रहा है इसीलिए पिछले 8 सालों से उनका बचाव करते आ रहे हैं। किसी भी राज्य के चुनाव होते है तो केसीआर ‘प्रोटेक्शन मनी’ भेज रहे हैं। इसीलिए केसीआर पर जरा सा भी बीजेपी धक्का लगने नहीं दे रहे हैं। खुद की पार्टी के नेताओं को नहीं छोड़ने वाले नरेंद्र मोदी और अमित शाह ऐसे भ्रष्ट केसीआर को क्यों छोड़ रहे हैं। इस बात पर हम सबको एक बार सोचना चाहिए।