हैदराबाद: तेलंगाना (Telangana) के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrasekhar Rao) शनिवार की मीडिया सम्मेलन पर सबकी नजरें थी। क्योंकि तेलंगाना की राजनीति इस समय काफी गरम है। कोमटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा की। शुक्रवार को दोनों भाई यानी राजगोपाल रेड्डी और वेंकट रेड्डी अमित शाह से अलग-अलग मिले। उसी दिन कोमटिरेड्डी ब्रदर्स के निर्वाचन क्षेत्र में रेवंत रेड्डी की अध्यक्षता में आमसभा का सफल आयोजन हुआ। इन सब परिणाम के चलते केसीआर की प्रेस कांफ्रेंस अचानक प्रेस कांफ्रेंस की खबर आई।
फ्रेंस कांफ्रेंस में केसीआर ने केवल एक बात छोड़कर इससे पहले केसीआर केंद्र सरकार के खिलाफ जो बातें कहते आये हैं, आज भी वहीं बातें कही। नया कुछ था तो वह था नीति आयोग (Niti Aayog) की बैठक का बहिष्कार की घोषणा। सीएम केसीआर ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपने बहिष्कार की जानकारी दी है। देश के सरकारी हितकारी कहे जाने वाले नीति आयोग की सातवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक रविवार को नई दिल्ली में होने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गवर्निंग काउंसिल की पहली व्यक्तिगत बैठक बुलाई है।
రాష్ట్ర ప్రభుత్వాల పై కేంద్ర ప్రభుత్వం అవలంబిస్తున్న వైఖరికి నిరసనగా ఇది ఉత్తమమైన మార్గంగా భావించి
— KCR Unofficial (@KCRunofficial) August 6, 2022
ఢిల్లీలో రేపు జరిగే నీతి ఆయోగ్ సమావేశాన్ని బహిష్కరిస్తున్న: సీఎం కేసీఆర్#kcrpressmeet
1/n
Thread 👇 pic.twitter.com/FvW3b5WwLh
पीएम मोदी 7 अगस्त को नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान फसल विविधीकरण और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी। बयान के अनुसार, स्थिर, टिकाऊ और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में नीति आयोग की सातवीं प्रशासनिक परिषद की बैठक केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सहयोग और सहकार के एक नये युग की दिशा में तालमेल का रास्ता खोलेगी।
बयान में यह भी कहा गया है कि बैठक में जी-20 मंच पर प्रगति को रेखांकित करने में राज्यों की भूमिका पर भी जोर दिया जाएगा। नीति आयोग के शीर्ष निकाय संचालन परिषद में सभी मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्री नीति आयोग के चेयरमैन हैं। बयान में कहा गया है कि बैठक की तैयारियों के तहत जून 2022 में मुख्य सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन धर्मशाला में आयोजित किया गया था।
8 ఏళ్ల కిందట ఏర్పాటు చేసిన నీతి ఆయోగ్ శుద్ధ దండగ: సీఎం కేసీఆర్#kcrpressmeet
— KCR Unofficial (@KCRunofficial) August 6, 2022
4/n pic.twitter.com/C78GM8eGky
सम्मेलन की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और इसमें सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। आमतौर पर पूर्ण परिषद की बैठक हर साल होती है। पिछले साल 20 फरवरी को मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक हुई थी। कोरोना वायरस महामारी के कारण 2020 में परिषद की बैठक स्थगित कर दी गई थी।
इसी क्रम में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि राज्यों के प्रति केंद्र के ‘भेदभावपूर्ण’ रुख के खिलाफ वह 7 अगस्त को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे। केसीआर ने पीएम मोदी को कड़े शब्दों में लिखे अपने पत्र में कहा कि भारत एक मजबूत राष्ट्र के रूप में तभी विकसित हो सकता है, जब राज्य विकसित हों। उन्होंने कहा कि मजबूत और आर्थिक रूप से जीवंत राज्य ही भारत को एक मजबूत देश बना सकते हैं।
ప్రజావ్యతిరేక నిర్ణయాలు తీసుకుంటు పేదలకు, రైతులకు, కార్మికులకు, చేనేత కార్మికులకు, చివరి ఉపాధి కార్మికులకు నెత్తినోరుకొట్టే ప్రయత్నం చేస్తున్నరు : సీఎం కేసీఆర్#kcrpressmeet
— KCR Unofficial (@KCRunofficial) August 6, 2022
5/n pic.twitter.com/SqJqwjd7Ao
राव ने बहिष्कार करने के अनेक कारण बताये और कहा, “इन तथ्यों को देखते हुए, मुझे 7 अगस्त 2022 को होने वाली नीति आयोग की बैठक में भाग लेना उपयोगी नहीं लगता है। मैं भारत को एक मजबूत और विकसित देश बनाने के हमारे सामूहिक प्रयास में राज्यों के साथ भेदभाव करने और उन्हें समान भागीदार के रूप में नहीं मानने के केंद्र सरकार के वर्तमान रुख के खिलाफ इस बैठक से दूर रहूंगा।” बैठक का आयोजन राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केन्द्र में होगा। पीएमओ ने कहा कि ऐसे समय में जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है। राज्यों को चुस्त, लचीला और आत्मनिर्भर होने और सहकारी संघवाद की भावना के अनुरूप ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बढ़ने की जरूरत है।
पीएमओ ने कहा कि परिषद की सातवीं बैठक उपरोक्त विषयों में से प्रत्येक पर एक रोडमैप और परिणाम आधारित कार्य योजना को अंतिम रूप देने का प्रयास करेगी? जुलाई 2019 के बाद से संचालन परिषद की यह पहली प्रत्यक्ष बैठक होगी। यह बैठक कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में और अगले साल भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता तथा शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के आलोक में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस बैठक में संघीय प्रणाली की दृष्टि से भारत की अध्यक्षता के महत्व और जी-20 के मंच पर अपनी प्रगति को उजागर करने में राज्यों की भूमिका पर भी जोर दिया जाएगा।
नीति आयोग की शासी परिषद राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और रणनीतियों के बारे में साझा दृष्टिकोण विकसित करने वाली प्रमुख संस्था है। यह परिषद अंतर-क्षेत्रीय, अंतर-विभागीय और संघीय मुद्दों पर चर्चा करने का एक मंच प्रदान करता है। इसमें भारत के प्रधानमंत्री, सभी राज्यों एवं विधायिका वाले केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, अन्य केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, पदेन सदस्य के रूप में नीति आयोग के उपाध्यक्ष, नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में केन्द्रीय मंत्रीगण शामिल होते हैं। यह केन्द्र और राज्यों के बीच विचार-विमर्श का सबसे महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है और संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण के साथ संगठित कार्रवाई के लिए प्रमुख रणनीतियों की पहचान करता है। मगर सीएम केसीआर यह बात मानने को तैयार नहीं है।