हैदराबाद (सरिता सुराणा की रिपोर्ट): सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था भारत के तत्वावधान में बाल दिवस के अवसर पर एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन संस्था के फेसबुक पेज पर किया गया। इसमें नन्हे-मुन्ने बाल कलाकारों ने अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रतिभाशाली बाल कलाकार सुश्री सन्निधि वर्मा ने की। सन्निधि न केवल शास्त्रीय नृत्य में पारंगत हैं बल्कि वे कविताएं भी लिखती हैं। उनके दो साझा काव्य-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं, एक हिन्दी भाषा में और दूसरा अंग्रेजी में।
इस कार्यक्रम का शुभारम्भ सुदेशना समन्ता की स्वरचित सरस्वती वन्दना से हुआ। तत्पश्चात् संस्थापिका सरिता सुराणा ने अपने स्वागत भाषण में सभी सहभागियों और श्रोताओं का हार्दिक स्वागत किया। साथ ही साथ संस्था द्वारा संचालित नियमित गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की। सर्वप्रथम सबसे नन्हे कलाकार परम बैद ने अपनी नाजुक अंगुलियों से कीबोर्ड पर धुन छेड़कर सभी दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। सभी उनकी प्रतिभा देखकर दंग रह गए।
उसके बाद वारंगल से जुड़ी नन्ही बाल कलाकार सुश्री श्रेष्ठा सुराणा ने बाल दिवस पर सारगर्भित भाषण देकर सभी को चौंका दिया। और एक बाल कलाकार श्री सान्निध्य वर्मा ने अपनी प्यारी-प्यारी आवाज में- आई दीवाली, आई दीवाली/जगमग जगमग दीपों वाली कविता प्रस्तुत की। मासूमियत से भरा उनका अद्भुत प्रस्तुतिकरण देखकर सभी दर्शक गण हैरान थे। यह कविता बाल कवयित्री सुश्री सन्निधि वर्मा ने लिखी थी। कोलकाता, पश्चिम बंगाल से बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री विवान सरन ने लाइव आर्ट एंड क्राफ्ट का प्रदर्शन करते हुए विविध किस्म के फूल तथा ऐक्शन फिगर बनाए और उनके द्वारा निर्मित पेंटिंग्स को वीडियो के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। सभी ने उनकी विलक्षण प्रतिभा की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
मंच पर उपस्थित एक और बाल कलाकार सुश्री मेधा बैद ने कीबोर्ड पर विभिन्न प्रकार की धुनें बजाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कटक, उड़ीसा से जुड़े श्री साई संग्राम गोछी ने सुमधुर स्वर में- यशोमती मैया से बोले नंदलाला….. गीत का गायन कर वातावरण को प्रेममय बना दिया तो कटक से ही जुड़े एक और बाल कलाकार श्री प्रियांशु शेखर सेन ने माउथ ऑर्गन पर- जिंगल बेल जिंगल बेल जैसी मनमोहक धुन सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। हैदराबाद के प्रतिभाशाली बाल कलाकार युवराज सिंह चौरड़िया ने कीबोर्ड पर टर्किश मार्च जैसी लोकप्रिय और विविध मनोरंजक धुनें प्रस्तुत करके सबका मन मोह लिया। कटक, उड़ीसा से बाल नृत्य कलाकार सुश्री पायल अग्रवाल ने नृत्य में अपनी उत्कृष्ट भाव-भंगिमाओं से सबका दिल जीत लिया।
अध्यक्षीय वक्तव्य में सुश्री सन्निधि वर्मा ने सभी नन्हे-मुन्ने प्यारे-प्यारे नौनिहालों की विविधतापूर्ण प्रस्तुतियों की प्रशंसा की और सभी कलाकारों को बधाई दी। उसके बाद उन्होंने अपने बैले डांस की प्रस्तुति दी। इस छोटी-सी उम्र में उनके सधे हुए स्टेप्स देखकर सभी दर्शक गण आश्चर्यचकित थे। सभी ने उन्हें बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं दीं। सुश्री सुदेशना समन्ता ने बहुत ही कुशलतापूर्वक कार्यक्रम का संचालन किया। सभी दर्शकों ने इस तरह के अनूठे कार्यक्रम की बहुत प्रशंसा की और बच्चों को लेकर ऐसे विशेष आयोजन के लिए संस्था अध्यक्ष को धन्यवाद दिया।
संस्थापिका ने इस आयोजन में सहयोग प्रदान करने वाले सभी सदस्यों, बाल कलाकारों और उनके अभिभावकों का हार्दिक आभार व्यक्त किया। सुश्री रिमझिम झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया और अन्त में युवराज सिंह ने कीबोर्ड पर राष्ट्रगान की धुन बजाई और सबने खड़े होकर राष्ट्रगान गाया। उसके साथ ही कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।