हैदराबाद : वरंगल में हुई तीन हत्याओं के मामले में पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया। वरंगल शहर के पोचम्मा मैदान के पास एलबी नगर निवासी चांद पाशा और उसकी पत्नी सबीरा बेगम और बहनोई खलील की बुधवार तड़के निर्मम हत्या कर दी गई थी। इन हत्याओं से तेलंगाना में हड़कंप मच गया था।
वरंगल के पुलिस आयुक्त तरुण जोशी ने मीडिया को बताया कि चांद पाशा के हत्या के मामले में शामिल उसके भाई शफी, उसके पांच सहयोगी मोहम्मद शफी, बोइनी वेंकन्ना, एमडी साजिद, रागुला विजेंदर, मीरा अकबर और पाशा को गुरुवार को सुबह गिरफ्तार किया गया। कमीश्नर ने मीडिया के सामने आरोपियों को पेश किया और मामले की जानकारी दी।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि परकाला निवासी चांदपाशा 15 साल पहले वरंगल के एलबी नगर में आकर बस गया था। उसका भाई शफी अपने परिवार के साथ एलबी नगर के पास ही रह रहा है। छोटा भाई गफूर पाशा परकला में रहता है। चांदपाशा और शफी ने मिलकर पशुओं का व्यापार शुरू किया। मगर इस व्यापार में लगभग 1.20 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
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पिछले साल पंचायत में तय हुआ था कि आधा-आधा हिस्सा दोनों भाई उठाये। पंचायत के कहे अनुसार मुताबिक चांद पाशा ने पहले 40 लाख रुपये और कुछ दिनों बाद 20 लाख रुपये छोटे भाई शफी को दिये। फिर भी शफी पिछले कुछ समय से चांद पाशा कुछ और पैसे देने का दबाव डाल रहा था। इस बात को लेकर बार-बार पंचायत होने पर भी कोई नतीजा नहीं निकला।
इसके चलते शफी ने बड़े भाई चांद पाशा के परिवार को खत्म करने की योजना बनाई। उसने अपने सहयोगी बोइनी वेंकन्ना, एमजी साजिद, रागुला विजेंदर, मीरा अकबर और पाशा का सहयोग मांगा। उनकी स्वीकृति मिलते ही शफी पिछले महीने से चांद पाशा के परिवार की हत्या करने का प्लान बना रहा था। इसी कर्म में उसने हैदराबाद से शिकार करने वाले चाकू और पेड़ काटने वाला बैटरी कटर खरीदा और उसे घर में छिपाक रख लिया।
इसी क्रम में यह सभी बुधवार रात को शराब पीये। इसके बाद छह आरोपी तड़के दो ऑटो में एलबी नगर स्थित चांद पाशा के घर पहुंचे। चांद पाशा और परिवार के लोग गहरी नींद में थे। ये सभी अंदर प्रवेश किये और बिजली को बंद कर दिया। बैटरी कटर से दरवाजा तोड़ डाला। बैटरी कटर का आवाज आसपास वालों को सुनाई न दें, इसलिए ऑटो को चालू रखा। फिर भी कुछ आवाज को सुनकर चांदपाशा जाग गया और बेडरूम से बाहर आते ही शफी और उसके सहयोगी घर में घुस गये।
घर में घुसते शफी ने चांद पाशा (55) के आंखों में मिर्ची पाउडर डाल दिया। इसके चाकु और कटर से उसकी गर्दन काट डाली। पाशा की पत्नी सबीरा बेगम (50), उनके दो बेटे फहद पाशा (28), समीर पाशा (21) और सबीरा के भाई खलील पाशा (45) पर भी आरोपियों ने चाकु और कटर से हमला किया गया। खून से लथपथ चांद पाशा, सबीरा और खलील की मौके पर ही मौत हो गई। पाशा की बेटी रुबीना ने अपने दो साल के बच्चे को छोड़ देने के लिए उनके पैर पड़ी। इसके चलते आरोपियों ने रुबीना और उसके बच्चे को छोड़ दिया। आरोपियों के जाने के बाद उसने पुलिस को फोन किया।
इसी बीच चीख-पुकार सुनकर चांदपाशा के मकान के पहली मंजिल पर रह रहे किराएदार अजीम के बाहर आते ही आरोपी भाग गये। नीचे आकर देखा तो चांदपाशा के दोनों बेटे जिंदगी और मौत से तड़प रहे थे। उसने तुरंत 108 को फोन किया। दोनों को पहले में वरंगल एमजीएम अस्पताल ले गये। दोनों की हालत चिंताजनक होने के कारण हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में भेज दिया।
डॉक्टरों ने बताया कि उनके शरीर को हत्यारों ने बेरहमी से काटा
डाला है। सबीरा के भाई खलील महबूबाबाद जिले में केसमुद्रम निवासी है। मंगलवार को काम के सिलसिले में वरंगल आया था। बारिश होने पर वह अपनी बहन के घर पर रुक गया। हत्या का शिकार हो गया। उसे मामले से कोई लेना देना नहीं था। पुलिस आयुक्त तरुण जोशी ने कहा कि छह आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर अदालत में पेश किया गया है। कोर्ट ने आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।