हैदराबाद : सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन में आगजनी और तोड़फोड़ मामले की जांच में महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आये हैं। पुलिस ने इस मामले में साईं रक्षा अकादमी के निदेशक सुब्बाराव की भूमिका पर महत्वपूर्ण सबूत जुटाये हैं। सुब्बाराव को सिकंदराबाद आगजनी और तोड़फोड़ मामले में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में नामित किया गया है।
इस सिलसिले में सुब्बाराव और उनके अनुयायी- मल्ला रेड्डी, शिवा और बीसी रेड्डी को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने सभी आरोपियों को रेलवे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसके चलते पुलिस ने सबको चंचलगुड़ा जेल भेज दिया।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता ए-64 सुब्बाराव ही है। उसने ए-65 मल्ला रेड्डी, ए-66 शिव कुमार और ए-67 बीसी रेड्डी के साथ मिलकर विध्वंस की योजना बनाई। रेवले स्टेशन में विध्वंस को समर्थन देते हुए उसने WhatsApp में पोस्ट किया।
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रिमांड रिपोर्ट
पुलिस ने रिमांड रिपोर्ट में बताया कि सुब्बाराव साल 2011 में आर्मी में काम किया। सेना की भर्ती प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझ गया था। उसने 2014 में साई रक्षा अकादमी की शुरूआत की। सेना में चयनित होने के बाद वह उम्मीदवारों से तीन लाख रुपये वसूल करता था। उम्मीदवारों के एसएससी (दसवीं) के सर्टिफिकेट अपने पास रख लेता था। नौकरी मिलने के बाद रकम लेकर सर्टिफिकेट वापस कर देता था।
सुब्बाराव ने ही आर्मी के उम्मीदवारों को आगजनी और तोड़फोड़ के लिए उकसाया। पहले एआरओ ऑफिस के पास धरना करने की योजना बनाई। इसके लिए रेलवे स्टेशन ब्लॉक ग्रुप, भारतीय सेना ग्रुप, हकीमपेट आर्मी सोल्जर ग्रुप, चलो सिकंदराबाद एआरओ ग्रुप, आर्मी जीडी-2021 रैली ग्रुप, सीईई सोल्जर ग्रुप, सोल्जर्स टुडे ग्रुप बनाया। सुब्बाराव ने अपने अनुयायियों को बिहार की तरह ट्रेनों को जलाने का आदेश दिया।
सुब्बाराव ने आगजनी और तोड़फोड़ के लिए 35 हजार रुपये खर्च किया। सुब्बाराव के साथ शिवा हमेशा संपर्क में था। शिवा के आदेश पर सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन में आगजनी और तोड़फोड़ कई गई। घटना के बाद सबूतों को मिटाने का भी सुब्बाराव ने आदेश दिया। सुब्बाराव ने यूट्यूब और व्हाट्सएप क्रेडेंशियल को डिलीट कर दिया।