हैदराबाद : तेलंगाना कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने एक बार फिर गंभीर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि यदि तेलंगाना में नक्सली होते तो शासकों में डर रहता और उनके डर के मारे तो भी शासक प्रभावी शासन प्रदान करते। रेवंत ने रविवार को करीमनगर में मीडिया से कहा कि तेलंगाना के हालात देखकर मुझे लग रहा है कि यदि वर्तमान हालत में तेलंगाना में नक्सली होते तो अच्छा होता।
रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया कि तेलंगाना में डीजीपी, किशन रेड्डी और विपक्षी नेताओं के फोनों को टैप किया जा रहा है। डीजीपी के एक सामाजिक वर्ग होने पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इसके चलते कम पोस्ट वाले अधिकारी के जरिए डीजीपी पर नजर रखी जा रही है। केसीआर के रिश्तेदार को आंध्र प्रदेश से डिप्युटेशन पर यहां पर लाया गया। वर्तमान हालात को देखकर लगता है कि पृतक तेलंगाना क्यों लेकर आये हैं?
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केसीआर के परिवार का पतन आरंभ हो चुका है। जल्द ही टीआरएस का नामोनिशान मिट जाएगा। तेलंगाना के लिए केसीआर निजाम शासक है तो हरीश राव काशीम रजवी बन गया है।
हुजूराबाद उपचुनाव के लिए उम्मीदवार के देरी से खड़े करने के सवाल के जवाब में कहा कि पहले हमारे पास उम्मीदवार था। मगर वह किसी और के साथ भाग गया। इसीलिए अच्छे उम्मीदवार को ढूंढने में थोड़ा सा समय लगा है। मगर अच्छा दमदार उम्मीदवार लेकर आये है। कसब रेड्डी कोवर्ट हो जाने के कारण ही यह समस्या उत्पन्न हुई है। साथ ही सवाल किया कि खुद की साख बचाने के लिए बीजेपी में शामिल हो चुके ईटेला राजेंदर को लोगों को वोट देने की क्या जरूरत है ?