हैदराबाद: टीपीसीसी के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना के शहीद स्तूप के निर्माण में देरी के लिए तेलंगाना समुदाय से मुख्यमंत्री केसीआर और उनके परिवार को बेदखल करने और सामाजिक रूप से बहिष्कृत करने का आह्वान किया है। रेवंत ने कहा, “केसीआर के परिवार के सदस्यों को शादी और बारात में आमंत्रित न करें। हमारे बच्चों को उनके बच्चों को न दें और उनके बच्चों के साथ अपने बच्चों की शादी न करें।”
रेवंत रेड्डी ने शनिवार को नवनिर्मित सचिवालय के सामने निर्माणाधीन शहीद स्तूप का निरीक्षण किया। इसके बाद रेवंत ने मीडिया से बात की। उन्होंने याद दिलाया कि सीएम केसीआर ने 2014 में घोषणा की थी कि तेलंगाना आंदोलन में शहीद हुए 1569 परिवार के हर एक सदस्य को सरकारी नौकरी, डबल बेडरूम, 10 लाख रुपये और 3 से 5 एकड़ जमीन दिया जाएगा। साथ ही दुनिया में ही आश्चर्य करने वाले एक शहीद स्मारक का निर्माण किया जाएगा। मगर केसीआर ने तीन सालों तक इस और ध्यान नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के दबाव में आकर शहीद स्तूप के निर्माण के लिए जून 2017 में 80 करोड़ रुपये मंजूर करते हुए आदेश जारी किये गये। जून 2018 में 63.75 करोड़ रुपये के लिए अनुमानित लागत निविदाएं बुलाई गई हैं। उसका निर्माण एक वर्ष के भीतर करने का तेलंगाना स्थापना दिवस पर आश्वासन भी दिया गया। इसके टेंडर को कामिशेट्टी पुल्लय्या कंपनी (केपीसी) को दिया गया। पुल्लय्या का परिवार आंध्र प्रदेश के प्रोद्दुटुर का रहने वाला है।
रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया कि पुल्लय्या का परिवार तेलंगाना आंदोलकारियों की विरोधी रही है। कामिशेट्टी पुल्लय्या का बेटा अनिल कुमार ने बिना किसी पूर्व अनुभव के झूठे प्रमाणपत्रों के साथ कंपनी (केपीसी) को टेंडर दिया गया। टेंडर बुलाए जाने के एक साल बाद भी नींव नहीं रखी गई और इस्पात संरचना के निर्माण पर केवल 63 करोड़ रुपये खर्च किये गये। 63 करोड़ रुपये के साथ एक साल में पूरा होना था। मगर अनुमान लागत को इन चार सालों में 180 करोड़ रुपये बढ़ाया गया।
टीपीसीसी अध्यक्ष ने कहा, “आखिरकार सीएम केसीआर ने शहीदों के स्तूप के निर्माण को प्रोद्दुटुर की कंपनी को सौंपा। तेलंगाना के लिए बलिदान करने वालों के प्रति क्या उनके मन में कोई सम्मान है? शहीद स्तूप के निर्माण के लिए क्या तेलंगाना के बच्चे काम नहीं कर सकते हैं? तेलंगाना स्वाभिमान शहीद स्तूप को कमीशन के लिए आंध्र प्रदेश के ठेकेदार को केसीआर ने सौंपा है। क्या केसीआर तेलंगाना के बेटा है? क्या उनके शरीर में तेलंगाना का खून बह रहा है? केसीआर शरीर में यदि तेलंगाना के खून है तो डीएनए के टेस्ट किया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि कैग ने पाया कि टी हब निर्माण में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। ऐसे व्यक्ति के शहीद स्तूप का ठेका दिया गया है। सवाल किया कि क्या स्तूप को बनने में सात साल का समय लग सकता है? उधर सचिवालय का निर्माण कार्य फ्लडलाइट की रोशनी में 24 घंटे चल रहा है। मगर इधर शहीदों के स्तूप के निर्माण कार्य को नजरअंदाज किया जा रहा है।
रेवंत रेड्डी ने आगे सवाल किया कि यदि मुख्यमंत्री केसीआर में थोड़ी सी इंसानियत जीवत है तो सचिवालय को देखने आया व्यक्ति नजदीक ही निर्माण किये जा रहे शहीद स्तूप का निरीक्षण क्यों नहीं किया है? वैसे तो किसी ठेकेदार को सही समय पर निर्माण नहीं किया गया तो जुर्माना लगाया जाता है। मगर शहीद स्तूप के निर्माण के लिए अनुमान लागत को 300 फीसदी बढ़ाया गया है। बदले में चाहने वालों को ‘नजराना’ दिया गया। मांग की कि शहीद स्तूप के निर्माण में जारी घोटाले की जांच के लिए एक तकनीकी विशेषज्ञों की कमेटी गठित किया जाये। शहीद स्तूप निर्माण कार्य का निरीक्षण करने वालों में एआईसीसी प्रवक्ता दासोजु श्रवण, टीपीसीसी प्रवक्ता अयोध्या रेड्डी और अन्य उपस्थित थे।