हैदराबाद : टीपीसीसी के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री केसीआर बिहार के अधिकारियों को कटपुतली बनाकर तेलंगाना को लूट रहे हैं। सरकार के मुख्य विभागों में बिहार के आईएएस और आईपीएस अधिकारी हैं। तेलंगाना के सिंचाई आयुक्त, विशेष प्रधान सचिव रजत कुमार, म्युंसिपल विभाग में मंत्री अरविंद कुमार, आईटी विभाग देखने वाले जेएस रंजन और संदीप सुल्तानिया ही तेलंगाना पर शासन कर रहे हैं।
तेलंगाना के आईएएस अधिकारियों के साथ अन्याय हो रहा है। रेवंत ने सवाल किया कि तेलंगाना के 157 आईएएस अधिकारियों में क्या एक भी प्रतिभावान नहीं है? एक अधिकारी के अधीन में पांच-छह विभाग है। केसीआर ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनकी जड़ें बिहार में हैं। जीएचएमसी चुनाव से पहले रजत कुमार ने 30 लाख वोटों को सूची से हटा दिया था।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव मिलकर धरणी पोर्टल लेकर आये हैं। धरणी पोर्टल की खामियों के कारण अनेक ठिकानों पर झड़पे हो रही हैं। किसानों की हत्याएं सरकार की गलती से हो रही हैं। इब्राहिमपट्टणम में कल दो रियल्टरों की हत्या कर दी गई। धरणी पोर्टल की गलती के कारण यह हत्याएं हुईं है। हैदराबाद के आसपास की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। राजस्व अधिकारियों ने पुराने मालिकों को जमीनों के पट्टे दिये। करोड़ों रुपये भू घोटाला कर रहे हैं। 20 साल पहले वाले जमीनों के मालिकों के नाम धरणी पोर्टल में आ रहे हैं। इसके कारण जमीन की खरीदी करने वालों की हत्याएं हो रही है।
इसके चलते उनका सिंचाई विभाग को ट्रांसफर किया। अरविंद कुमार म्युंसिपल विभाग को तबाह कर रहे हैं। अरविंद कुमार और केटीआर मिलकर बिल्डिंगों को अनुमति देकर कैसे करो़ड़ों रुपये गबन कर रहे है इसका जल्द ही खुलासा किया जाएगा। आईपीएस अंजनी कुमार भी एपी कैडर के हैं। यहां पर उनके जैसा कोई नहीं मानकर डीजीपी पद पर बिठाया है। केवल इनता ही नहीं चुनावी रणनीतिकार पीके भी बिहार के हैं। तेलंगाना की मूल को केसीआर नेस्तनाबूत करने पर तुले हैं। केसीआर का रवैया तेलंगाना के अस्तित्व के लिए खतरा है।
रेवंत ने कहा कि सोमेश कुमार को मुख्य सचिव बनने की योग्यता नहीं है। फिर भी सीएस बना दिया गया। सोमेश कुमार 1997 से 1999 तक आईएएस पद छोड़ दिया और एक आईटी कंपनी में काम किया। इस तरह सोमेश कुमार दो-तीन बार नौकरी छोड़ चुके हैं। 1989 से 2020 तक सरकारी पद पर काम नहीं किया। सोमेश सीएस पद के लिए योग्य नहीं हैं। केवल प्रधान सचिव पद के लिए पात्र हैं। सोमेश कुमार के बारे में जानकारी हेतु आरटीआई के तहत आवेदन किया। मगर जवाब नहीं दे रहे हैं। 2017 से 22 तक सोमेश कुमार के खिलाफ मामले दर्ज होने के बावजूद कोर्ट में सुनवाई नहीं हो रही है। सबको मैनेज कर रहे हैं। सरकारी वकील भी बहस करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। सोमेश कुमार केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मैनेज कर रहे हैं।