प्रख्यात कवि और लेखक आंदेश्री का निधन, परिवार और पूरे तेलंगाना में शोक की लहर

नोट- मैं आंदेश्री से दो बार मिला था। एक बार फांसी के लोकार्पण समारोह के दौरान सुंदरय्या विज्ञान केंद्र के पास वे सामने झाड़ियों में बैठकर कुछ लिख रहे थे। वे दूसरे समारोह में भाग लेने के लिए वहां पर आये थे। नमस्ते के बाद हालचाल को लेकर संक्षिप्त चर्चा हुई। दूसरी बार दिगंबर कवि निखिलेश्वर जी के पुस्तकों के लोकार्पण समारोह में मिले थे। इससे पहले एक बार उनके बारे में आंध्रज्योति में प्रकाशित लेख पर फोन पर बात हुई थी। उन्होंने एक सवाल के जवाब के कहा कि जानवर से भी इंसान अधिक खूंखार है और होता है। ऐसे महान क्रांतिकारी लेखक और कवि को ‘तेलंगाना समाचार’ गहरा शोक व्यक्त करता है।

हैदराबाद: प्रख्यात कवि और लेखक आंदेश्री (64) का निधन हो गया। 10 नवंबर की तड़के आंदेश्री अपने घर पर बेहोश हो गईं। उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें तुरंत पहचान लिया और इलाज के लिए गांधी अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने बताया कि उन्होंने 10 नवंबर की सुबह 7:25 बजे अंतिम सांस ली। आंदेश्री के निधन से उनके परिवार के सदस्य शोक में डूब गये हैं।

आंदेश्री का जन्म 1961 में सिद्दीपेट जिले के मद्दुरू मंडल के रेबर्थी में हुआ था। उनका असली नाम आंदे यल्लय्या था। उन्होंने तेलंगाना का राज्य गान “जय जयहे तेलंगाना” लिखा था। उन्हें काकतीय विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली थी। वे कविता में पारंगत हासिल की थीं। तेलंगाना आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। उनके गीत “पल्लेनिकु वंदनालम्मो” और “मायामई पोतुन्नाडम्मा मनिषन्नवाडू” प्रसिद्ध हैं।

2006 में उन्हें फिल्म ‘गंगा’ के लिए नंदी पुरस्कार मिला। 2014 में उन्हें एकेडमी ऑफ यूनिवर्सल ग्लोबल पीस से डॉक्टरेट की उपाधि मिली। 2015 में उन्हें दाशरथी साहित्य पुरस्कार मिला। 2015 में उन्हें रावुरी भारद्वाज साहित्य पुरस्कार मिला। 2022 में आंदेश्री को जानकम्मा राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। 2024 में उन्हें दाशरथी कृष्णमाचार्य साहित्य पुरस्कार मिला।

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ప్రముఖ కవి, రచయిత అందెశ్రీ కన్నుమూత

హైదరాబాద్: ప్రముఖ కవి, రచయిత అందెశ్రీ కన్నుమూశారు. నవంబర్ 10 తెల్లవారుజామున ఒక్కసారి తన ఇంట్లో అందెశ్రీ కుప్పకూలారు. దీంతో వెంటనే గుర్తించిన కుటుంబ సభ్యులు అందెశ్రీని చికిత్స కోసం గాంధీ ఆసుపత్రికి తరలించారు. నవంబర్ 10 ఉదయం 7: 25గంటలకు తుదిశ్వాస విడిచారని డాక్టర్లు తెలిపారు. అందెశ్రీ మృతితో ఆయన కుటుంబ సభ్యులు శోకసంద్రంలో మునిగిపోయారు.

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సిద్దిపేట జిల్లా మద్దూరు మండలం రేబర్తిలో 1961లో జన్మించారు. ఆయన అసలు పేరు అందె ఎల్లయ్య. తెలంగాణ రాష్ట్ర గీతం “జయ జయహే తెలంగాణ”ను రచించారు. కాకతీయ విశ్వవిద్యాలయం నుంచి గౌరవ డాక్టరేట్ పొందారు. అశు కవిత్వంలో దిట్ట.
తెలంగాణ ఉద్యమంలో కీలకపాత్ర పోషించారు. “పల్లెనీకు వందానాలమ్మో”, “మాయమై పోతున్నడమ్మా మనిషన్నవాడు” పాటలు ప్రసిద్ధం.

2006లో ‘గంగ’ సినిమాకు నంది పురస్కారం తీసుకున్నారు. 2014లో అకాడమి ఆఫ్‌ యూనివర్సల్‌ గ్లోబల్‌ పీస్‌ డాక్టరేట్‌ పొందారు. 2015లో దాశరథి సాహితి పురస్కారం సాధించారు. 2015లో రావూరి భరద్వాజ సాహితి పురస్కారం దక్కింది. 2022లో అందెశ్రీకి జానకమ్మ జాతీయ పురస్కారం సాధించారు. 2024లో దాశరథి కృష్ణమాచార్య సాహితి పురస్కారం అందుకున్నారు.(ఏజెన్సీలు)

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