भारत में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बीच मुकाबला है। विश्लेषकों का मानना है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने अब तक समर्थक के बारे में कुछ नहीं कहा है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, बीजद और बीएसपी के समर्थन देने की घोषणा के बाद द्रोपदी मुर्मू की जीत लगभग पक्की हो चुकी है।
गौरतलब है कि भारतीय गणतंत्र का राष्ट्रपति चुनाव एक बड़ी प्रक्रिया होती है। 25 जुलाई को भारत को नया राष्ट्रपति मिलेगा। उससे पहले नये राष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया चलेगी। राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल के जरिए किया जाता है। यानी जनता अपने राष्ट्रपति का चुनाव सीधे नहीं करती। उसके वोट से चुने गये नेता करते हैं। यह अप्रत्यक्ष निर्वाचन है।
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राष्ट्रपित चुनाव में संसद को दोनों सदनों के सांसद और विधानसभा के चुने हुए विधायक वोट करते हैं। अलग-अलग राज्यों के विधायकों के मत का नंबर अलग होता है। देश के कुल 776 सांसद वोटिंग में भाग लेते हैं। इस चुनाव में सांसदों+विधायकों की संख्या 4,809 हैं। राष्ट्रपति चुनाव में कुल वोट की संख्या 10.79 लाख हैं।
सांसदों के एक वोट की वैल्यू 700 हैं। वहीं अलग-अलग राज्यों में विधायकों के वोट का वैल्यू अलग-अलग होता है। उत्तर प्रदेश में एक विधायक के वोट का वैल्यू 208 है। देश के राज्यों के सभी विधायकों के वोट का वैल्यू 5,43,231 हैं। वहीं, लोकसभा के सांसदों का कुल वैल्यू 5,43,200 है।
विधायक के मामले में जिस राज्य का विधायक हो, उसकी आबादी देखी जाती है। इसके साथ उस प्रदेश के विधानसभा सदस्यों की संख्या को भी ध्यान में रखा जाता है। वेटेज निकालने के लिए प्रदेश की पॉपुलेशन को इलेक्टेड एमएलए की संख्या से डिवाइड किया जाता है। इस तरह जो नंबर मिलता है उसे फिर 1000 से डिवाइड किया जाता है। अब जो आंकड़ा हाथ लगता है, वही उस राज्य के एक विधायक के वोट का वेटेज होता है। 1000 से भाग देने पर अगर शेष 500 से ज्यादा हो तो वेटेज में 1 जोड़ दिया जाता है।
भारत के 15वें राष्ट्रपति के लिए वोटिंग 18 जुलाई को होगी और 21 जुलाई को नतीजे आएंगे। नये राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ लेंगे। एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष की तरफ यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं। (एजेंसियां)