राजनीतिक विश्लेषण: विपक्ष को मिल गया है भारत का अगला प्रधानमंत्री, यह नेता है दावेदार

हैदराबाद: हमारे देश की जनता हमेशा एक अच्छा मुख्यमंत्री (सीएम) और एक अच्छा प्रधानमंत्री (पीएम) चाहती है। इसीलिए हर पांच साल में चुनाव होते है। ताकि देश की जनता एक अच्छे सीएम और पीएम को चुन सके। इसके लिए सत्तापक्ष और विपक्ष मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नामों को लोगों के सामने रखते हैं। इसी चेहरे और व्यक्तित्व को देखकर मतदाता अपना पसंद का सीएम और पीएम चुनते है।

इस समय सत्तापक्ष के पास दमदार नेता मौजूद है और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। इतने दिनों से विपक्ष के पास ऐसा दमदार नेता नहीं था। ना ही किसी ने इसका उल्लेख किया है। मगर कुछ दिनों से घटित घटनाओं को देखकर लगता है कि विपक्ष को पीएम पद के लिए दमदार नेता मिल चुका है। यूं कहना ठीक होगा कि उस दमदार नेता ने खुद को ही भावी प्रधानमंत्री का उम्मीदवार होने का दावा किया है। उस दमदार नेता का नाम है तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR)। जी हां, केसीआर देश के यानी विपक्ष के पीएम उम्मीदवार है।

क्योंकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने आश्चर्यजनक रूप से खुद को सबसे आगे खड़ा करते जा रहे है। हाल ही में निजामाबाद में आयोजित एक जनसभा में केसीआर ने खुद के राष्ट्रीय राजनीति में आने का मौखिक समर्थन ले लिया। इतना ही नहीं बतौर प्रधानमंत्री पद दावेदार केसीआर ने यह घोषणा कर दी कि 2024 में गैर भाजपा सरकार बनने पर पूरे देश के किसानों को मुफ्त बिजली और पानी मुहैया कराया जाएगा। अचरज की बात नहीं कि उनकी इस घोषणा से विपक्षी दल खामोश है। खामोश का मतलब केसीआर को पीएम का उम्मीदवार स्वीकारना है।

इस समय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिनों से दिल्ली में मौजूद हैं। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की। वे विपक्षी को जोड़ रहे हैं। साथ ही किया कि वह प्रधानमंत्री पद के इच्छुक नहीं है। यह और बात है कि उनकी पार्टी की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि वह प्रधानमंत्री बनने के योग्य हैं। बैनर पोस्टरों में यह संकेत भी दिये जा रहे है। नीतीश प्रधानमंत्री के दावेदार है।

कांग्रेस के नेताओं की ओर से यह दावा किया गया कि पीएम पद के लिए सबसे योग्य राहुल गांधी हैं। साथ ही तृणमूल कांग्रेस की ओर से तत्काल ममता बनर्जी की नाम उछालने में देर नहीं हुई। इस पूरे क्रम में देखने से लगता है कि विपक्षी एकता को लेकर अलग अलग धारा और धारणाएं चल रही है। ममता बनर्जी कांग्रेस को अलग थलग आगे बढ़ना चाहती हैं। इसीलिए उनके दिल्ली दौरे में कांग्रेस से दूरी ही रखी जाती है। चंद्रशेखर राव भी कांग्रेस से अलग-अलग ही रहते हैं। मगर वक्त आने पर केसीआर किसी को भी गले लगाने में संकोच नहीं करते है।

कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार सबको साथ लाने की कोशिश में हैं। इसीलिए कांग्रेस के साथ साथ वाम नेताओं से भी मिले और मिलने वाले है। इसी बीच आम आदमी पार्टी अपनी राह खुद बनाने में लगी है। हर चुनाव में हर दल मुफ्त बिजली और पानी का मुद्दा लेकर चल रही है। मगर तेलंगाना के सीएम केसीआर ने पूरे देश में मुफ्त बिजली और पानी देने का आश्वासन दिया है। यह स्पष्ट संदेश देता है कि केसीआर सबसे आगे रहना चाहते हैं। हाल ही हैदराबाद में 26 राज्यों के किसान संघ नेताओं से मिले और वहीं घोषणा कर दी है कि गैर भाजपा सरकार बनी को पूरे देश में बिजली और पानी मुफ्त में दिया जाएगा। इतना ही इसके लिए आंकड़ा भी रख दिया कि इस पर 1.45 लाख करोड़ खर्च आएगा।

इतना ही नहीं निजामाबाद जनसभा में केसीआर ने लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही कहा- “आप हमें केंद्रीय राजनीति में प्रवेश की अनुमति दी है। इसके लिए आपका धन्यवाद।” यह स्थिति तबकि है जबकि विपक्ष के बीच अभी यही तय नहीं हुआ है कि विपक्षी गठबंधन में कौन दल साथ होंगे और कौन नहीं? गठबंधन हुआ तो सीटों के बंटवारे का आधार क्या होगा? प्रधानमंत्री पद को लेकर तो चर्चा दूर-दूर तक नहीं है। लेकिन केसीआर दबाव बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इतना ही प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ सबसे ज्यादा आक्रामक केसीआर का रूख है। केसीआर जहां भी जाते और बोलते हैं तो जमकर तालियां बजती है। ऐसा लगता है कि केसीआर प्रधानमंत्री गये और लोगों का सर्वांगिण विकास हो गया है।

फिर भी है कि आने वाले दिनों में अलग-अलग तरह से पीएम की दावेदारी का दौर शुरू हो सकता है। बहरहाल, अभी यह तय नहीं है कि विपक्षी एकजुटता कितनी मजबूत है और आगे होगी। क्योंकि इस समय दो राज्यों में सत्ता में काबिज और कई राज्यों में सक्रिय आम आदमी पार्टी सबसे आगे चल रही है। इतना ही नहीं आप की ओर से गुजरात चुनाव में कांग्रेस को वोट न देने की लोगों से अपील की गई है। टीआरएस और तृणमूल का कांग्रेस के साथ तालमेल नहीं है। साथ ही बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी जैसे अनेक दल इनसे दूर है।

केसीआर मात्र अपने आपको प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदार मानते हुए मोदी सरकार की गंभीर आलोचना करते हुए आगे बढ़ रहे है। ऐसी आलोचना अब तक किसी भी विपक्षी दल के नेता ने नहीं की है। केसीआर के आलोचना का लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया भी मिल रही है। क्योंकि केसीआर जमीन, जल और बरोजगारी का मुद्दा उठाते है तो सुनने वालों को लगता है कि यह व्यक्ति प्रधानमंत्री के काबिल है और ऐसे नेता से देश का भला होगा।

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