कृषि कानून पर हीरो R नारायण मूर्ति की गंभीर टिप्पणी, बोले- “किसानों के गले में फांसी का फंदा लगाना ठीक नहीं”

हैदराबाद : पीपुल्स स्टार आर नारायण मूर्ति की स्वयं निर्मित और निर्देशित फिल्म ‘रैतन्ना’ 14 अगस्त को रिलीज होगी। नारायण मूर्ति ने इस फिल्म के माध्यम से आज के किसानों की हालात के बारे में बताया है।

इसी क्रम में पीपुलिस स्टार ने फिल्म के प्रचार के अंतर्गत गुरुवार को मीडिया सम्मेलन को संबोधित किया। नारायण मूर्ति ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की ओर से लागू किये जा रहे ‘रैतु-बंधु’ और ‘रैतु-भरोसाा’ योजना पर प्रशंसा की है। साथ ही केंद्र के नये कृषि कानून को किसानों के लिए अभिशाप बताया है।

नारायण मूर्ति ने आगे कहा कि रैतु-बंधु और रैतु भरोसा योजना बहुत ही शानदार है। इस योजना को लागू करने वाले मुख्यमंत्री केसीआर और वाईएस जगन मोहन रेड्डी देश के लिए एक आदर्श और दिशासूचक है। मगर केंद्र सरकार द्वारा लेकर आने वाला नया कृषि कानून किसानों के लिए वरदान नहीं है, बल्कि अभिशाप है।

नारायण मूर्ति ने याद दिलाया कि देश के किसान पिछले आठ महीनों से केंद्र सरकार के कृषि कानून का विरोध करते हुए आंदोलन कर रहे हैं। मगर केंद्र सरकार में कोई हलचल नहीं है। ऐसे कानून हमारे जैसे विकासशील देश के लिए ठीक नहीं है।

पीपुल्स स्टार ने कहा कि इस समय पूरी दुनिया कोरोना आपदा में कांप रहा है। मगर किसान मात्र बहादुरी के साथ खेती कर रहा है और देश के लिए अनाज उपलब्ध कर रहा है। ऐसे महान अन्नदाता किसानों के प्रति हम सभी ऋणि है।

उन्होंने आगे कहा कि यदि नया कृषि कानून बना तो देश का किसान कुली (Coolie) बन जाएगा। मुक्त व्यापार के नाम पर किसानों के गले में फांसी का फंदा लगाना ठीक नहीं है।

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