हैदराबाद: अंतर-धार्मिक विवाह किये जाने कारण शहर के सरूरनगर में की गई हत्या की घटना पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया व्यक्त किया है। उन्होंने ‘ऑनर किलिंग’ की घटना की निंदा की। असदुद्दीन ओवैसी ने इस हत्या को संविधान और इस्लाम के अनुसार “आपराधिक कृत्य” करार दिया।
उन्होंने तेलंगाना में जनता को संबोधित करते हुए कहा, ”हम सरूरनगर में हुई घटना की निंदा करते हैं। महिला ने स्वेच्छा से शादी करने का फैसला किया। उसके भाई को उसके पति को मारने का कोई अधिकार नहीं है। यह संविधान के अनुसार एक आपराधिक कृत्य है और इस्लाम के अनुसार सबसे खराब अपराध है।”
ओवैसी ने कहा, ”घटना को कल से एक और रंग दिया जा रहा है। क्या यहां की पुलिस ने आरोपी को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया? उन्होंने उसे गिरफ्तार कर लिया है। हम हत्यारों के साथ नहीं खड़े हैं।” इससे पहले गुरुवार को हैदराबाद की सरूरनगर पुलिस ने अश्रीन सुल्ताना उर्फ पल्लवी के दो रिश्तेदारों को बिलिपुरम नागराजू की हत्या में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
आरोपियों की पहचान अश्रीन सुल्ताना के भाई सैयद मोबिन अहमद और मोहम्मद मसूद अहमद के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपियों में मृतक के खिलाफ दुश्मनी थी, क्योंकि उसने आरोपी सैयद मोबिन अहमद की बहन से शादी की थी।
इससे पहले शहर के सरूरनगर में हुई ऑनर किलिंग (अंतर-धार्मिक) मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान में लिया है। मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित रिपोर्ट्स के आधार पर एनएचआरसी ने नागराजू के हत्याकांड मामले को संज्ञान में लिया और मामला दर्ज किया है। एनएचआरसी ने तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक और सरकार के मुख्य सचिव को इस आशय का नोटिस भेजा है।
आयोग ने निर्देश दिया कि सरूरनगर में ऑनर किलिंग मामले पर एक व्यापक रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर प्रस्तुत की जाए। एनएचआरसी ने कहा कि यह अच्छी बात है कि तेलंगाना सरकार ने इस मामले के दोषियों को गिरफ्तार करने और फास्ट-ट्रैक कोर्ट के माध्यम से मुकदमे में तेजी लाने के लिए तुरंत कदम उठाए हैं। लेकिन यह चिंता का विषय है कि बीच सड़क इस प्रकार की घटनाएं घटित होना अराजकता का सबूत हैं। यह गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है।
आयोग ने मुख्य सचिव से सवाल किया कि अंतर-धार्मिक और अंतर्जातीय विवाह होने पर ऑनर किलिंग को रोकने के लिए क्या राज्य सरकार के पास कोई नीति है? सीएस ने अपनी रिपोर्ट में इस बिंदु पर जवाब दें। साथ ही डीजीपी से हत्या की जांच की स्थिति, पीड़ित परिवार को दी गई सुरक्षा और जांच में अधिकारियों की ओर से किसी भी तरह की लापरवाही हो तो ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
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गौरतलब है कि तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने भी अंतर-धार्मिक विवाह के कारण ही नागराजू की हत्या किये जाने की मीडिया में आई रिपोर्टों के आधार पर सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगा हैं। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपी- मुबीन अहमद और मसूद अहमद को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
आपको बता दें कि रंगारेड्डी जिले के मारपल्ली के बिलापुरम नागराजू (25) और पोतिरेड्डीपल्ले की अश्रीन सुल्ताना (23) अपने कॉलेज के दिनों से एक दूसरे से प्यार करते थे। दोनों शादी करने का फैसला किया। मगर दोनों के धर्म अलग-अलग होने के कारण अश्रीन सुल्ताना के परिवार वालों ने शादी को मंजूरी नहीं दी।
हालांकि नागराज और अश्रीन सुल्ताना ने इसी साल 31 जनवरी को आर्य समाज में शादी कर ली। इसके बाद नागराजू मलकपेट में एक कार शोरूम में सेल्समैन के रूप में काम करने लगा। दोनों ने सरूरनगर में एक मकान किराये के मकान में रहने लगे।
बुधवार ( 4मई) रात करीब नौ बजे दोनों बाइक से सरूर नगर डाकघर की ओर जा रहे थे। उसी समय बाइक पर सवार अश्रीन का भाई और एक अन्य व्यक्ति ने उनके पास आये और नागराजू की बाइक रोक दी। उन्होंने नागराजू के सिर पर सेंट्रिंग राड से हमला किया। राड के हमले में गंभीर रूप से नागराजू की मौके पर ही मौत हो गई।