हैदराबाद: पीआरसी (Pay Revision Commission) की रिपोर्ट और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के विधानसभा में दिये गये बयान से खाली पदों की संख्या मेल नहीं खा रही हैं। तेलंगाना में बिश्वाल आयोग की ओर से खुलासा किये गये रिक्त पद और सीएम की ओर से उल्लिखित खाली पदों की संख्या में काफी अंतर है। ऐसे में सवाल उठता है कि एक लाख से ज्यादा नौकरियां कहां और कैसे चली गई है? कर्मचारियों संघों का आरोप है कि बड़े पैमाने पर पदों को समाप्त कर दिया गया है। सरकार की ओर से मात्र इस पर स्पष्टता की कमी है।
तेलंगाना में लगभग एक लाख नौकरियां गायब हो गई या कर दी गई है। सीएम केसीआर की ओर बुधवार को विधानसभा में की गई घोषणा के चलते पीआरसी रिपोर्ट एक बार फिर पर्दे पर आई है। लगभग तीन साल तक काम करने वाली बिश्वाल आयोग ने सभी विभागों से ब्योरा जुटाई। विभाग वार समग्र रिपोर्ट सरकार को सौंपी। पीआरसी की रिपोर्ट के मुताबिक तेलंगाना में सभी विभागों में 1,91,126 पद खाली हैं।
ताजा सीएम केसीआर ने बताया कि तेलंगाना में सभी सरकारी विभागों में 91,142 पद (नौकरियां) खाली हैं। इनमें 11,103 संविदा कर्मचारियों को स्थायी किया जा रहा है। 80,039 पदों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। अब सवाल उठता है कि बाकि नौकरी कहां चली गई? तेलंगाना में रिक्त पद कैसे गायब हो गईं? यह सवाल अब बेरोजगारों के साथ-साथ विपक्ष को भी परेशान कर रहा है।
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सीआर बिश्वाल की अध्यक्षता वाली पीआरसी कमेटी के मुताबिक, तेलंगाना के विभिन्न विभागों में 39 फीसदी पद खाली हैं। कुल 4,91,304 पद स्वीकृत है। समिति ने पाया कि वर्तमान में केवल 3,00,178 कर्मचारी कार्यरत है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अन्य 1,91,126 पद खाली हैं। अब सरकारी रिपोर्ट में बताया गया है कि 91,142 पद ही हैं।
अब 99,984 नौकरियों (पद) के बारे में पता नहीं चल रहा हैं। यदि इन सभी को अनुबंध और आउटसोर्सिंग पद्धति पर भर्ती किया गया हो तो, इस श्रेणी में 1.20 लाख कर्मचारी मौजूद होने का पीआरसी की रिपोर्ट में है। तदनुसार इन काम कर रहे पदों को भर्ती में दिखाया गया। यदि अनुबंध और आउटसोर्सिंग के आधार पर काम करने वालों के अलावा इन पदों को खाली दिखाया जाता है तो यह संख्या तीन लाख पार है।
पीआरसी की एक रिपोर्ट के अनुसार अब 99,984 नौकरियों का क्या हुआ? यह एक अस्पष्ट रहस्य बन गया है। जबकि यूनियनों का कहना है कि ड्राइवर, मैला ढोने वाले, अटेंडर्स, स्वीपर जैसे पदों को समाप्त कर दिया गया है। इसीलिए इन खाली पदों को नहीं दिखाया जा रहा है। इस पर सरकार की ओर से कहीं पर भी स्पष्टता नहीं है।
पीआरसी रिपोर्ट के अनुसार खाली पदों का विवरण इस प्रकार है- स्कूल शिक्षा विभाग में 23798, पुलिस विभाग में 37182, स्वास्थ्य विभाग में 30570, राजस्व विभाग में 7961, पंचायती राज विभाग में 12628 और अन्य विभागों में 78,987 पद खाली है। इस प्रकार कुल 1,91,126 पद रिक्त हैं।
तेलंगाना में विभिन्न विभागों में खाली पद इस प्रकार हैं-
पुलिस विभाग में 18,334, सेकंडरी शिक्षा विभाग में 13,086, स्वास्थ्य, चिकित्सा, परिवार कल्याण विभाग में 12,755, उच्च शिक्षा विभाग में 7,878, बीसी कल्याण विभाग में 4,311, राजस्व में विभाग में 3,560, अनुसूचित जाति विकास 2,879, सिंचाई में 2,692 पद खाली हैं। आदिवासी कल्याण विभाग में 2,399, अल्पसंख्यक विभाग में 1,825, वन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में 1,598, पंचायती राज विभाग में 1,455, ग्रामीण विकास विभाग, श्रम विभाग में 1,221, वित्त विभाग में 1,146, कल्याण विभाग में 895, म्युंसिपल विभाग में 859, कृषि विभाग में 801, परिवहन विभाग में 563, न्यायपालिका में 386, पशुपालन विभाग में 353, प्रशासन विभाग में 343, उद्योग विभाग में 233, पर्यटन विभाग में 184, नागरिक आपूर्ति विभाग में 106, विधानसभा विभाग में 25, ऊर्जा विभाग में 16 पद रिक्त हैं।
कैडर रिक्त पद-
जिलों में 39829
जोनल में 18,866
मल्टी जोनल में 13170
सचिवालय एचओडी औ विश्वविद्यालयों में 8147 पद हैं।
जिलों में खाली पोस्ट
हैदराबाद जिले में- 5268, निजामाबाद- 1976, मेडचल- 1769, रंगारेड्डी- 1561, करीमनगर- 1465, नलगोंडा- 1398, खम्मम- 1340, भद्राद्री- 1316, नागरकर्नूल- 1257, संगारेड्डी- 1243, महबूबनगर- 12139, आदिलाबाद,- 1178, महबूबाबाद- 1172, हनुमाकोंडा- 1157, मेदक- 1149, जगित्याल- 1063, मंचेरियाला- 1025, यादाद्री- 1010, भूपालपल्ली- 918, निर्मल- 876, वरंगल- 842, आसिफाबाद- 825, पेद्दापल्ली- 800, जनगांव- 760, नारायणपेट- 741, विकाराबाद- 738, मुलुगु- 696, जोगुलम्बा गदवाल- 662, सिरिसिल्ला- 601 और वनपर्ती जिले में- 556 पद खाली हैं।